मोबाइल पर कॉलर का नाम दिखाने की सुविधा का परीक्षण शुरू, मार्च तक देशभर में लागू

नेशनल एक्सप्रेस डिजिटल डेस्क
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मोबाइल पर आने वाली कॉल में कॉल करने वाले व्यक्ति का नाम दिखाने की सुविधा (सीएनएपी) का दूरसंचार कंपनियों ने परीक्षण करना शुरू कर दिया है।

नई दिल्ली, भाषा। मोबाइल पर आने वाली कॉल में कॉल करने वाले व्यक्ति का नाम दिखाने की सुविधा (सीएनएपी) का दूरसंचार कंपनियों ने परीक्षण करना शुरू कर दिया है।उम्मीद है कि यह सुविधा देशभर में मार्च, 2026 तक लागू हो जाएगी। दूरसंचार विभाग के सूत्रों ने बुधवार को कहा कि वोडाफोन आइडिया ने हरियाणा सर्किल में सीएनएपी सेवा का पायलट परीक्षण शुरू कर दिया है, जबकि जियो भी जल्द ही इसी सर्किल से परीक्षण शुरू करेगी।

इस सुविधा के तहत कॉल करने वाले व्यक्ति का नाम रिसीवर के मोबाइल स्क्रीन पर प्रदर्शित होता है, जिससे उपयोगकर्ता को कॉल उठाने से पहले ही पता चल जाता है कि कॉल कौन कर रहा है। सूत्रों ने बताया कि परीक्षण सफल रहने पर दूरसंचार विभाग देशभर में चरणबद्ध तरीके से इस सेवा को लागू करेगा। विभाग चाहता है कि 31 मार्च, 2026 तक इस सुविधा को देशभर में लागू कर दिया जाए।

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने एक दिन पहले ही दूरसंचार विभाग के उस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, जिसके तहत यह सुविधा सभी उपयोगकर्ताओं के लिए डिफॉल्ट रूप से सक्रिय रहेगी। हालांकि, इस सुविधा का इस्तेमाल नहीं करने वाले उपभोक्ताओं को इसे निष्क्रिय कराने का विकल्प मिलेगा।

ट्राई ने फरवरी, 2024 में सौंपी सिफारिशों में कहा था कि सीएनएपी केवल इच्छुक उपभोक्ताओं को ही उपलब्ध कराई जाए। लेकिन दूरसंचार विभाग का मानना था कि यह सेवा स्वचालित रूप से सभी को दी जानी चाहिए, ताकि धोखाधड़ी और साइबर अपराधों पर लगाम लगाई जा सके। अब ट्राई ने इसी विचार पर सहमति दी है।

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अधिकारियों का कहना है कि यह कदम फर्जी कॉल, डिजिटल गिरफ्तारी और वित्तीय धोखाधड़ी जैसे साइबर अपराधों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। हालांकि, सीएनएपी सुविधा केवल 4जी और 5जी नेटवर्क वाले फोन पर ही संभव होगी, क्योंकि 2जी और 3जी नेटवर्क में तकनीकी सीमाएं हैं।

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सरकार ट्राई की उस सिफारिश पर भी विचार कर रही है जिसके तहत ‘कॉलिंग लाइन पहचान निषेध’ (सीएलआईआर) सुविधा लेने वाले उपभोक्ताओं का नाम प्रदर्शित नहीं किया जाएगा।

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