किसानों की समस्याओं को लेकर टिकैत संगठन ने सौंपा 17 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन
शुक्रवार को प्रदेश व जनपद के किसानों की समस्याओं को लेकर भारतीय किसान यूनियन टिकैत संगठन द्वारा जिलाध्यक्ष प्रेम अतुल यादव के नेतृत्व में एक 17 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ जी को संबोधित करते हुए।
नेशनल एक्सप्रेस ब्यूरो, फिरोजाबाद (विपिन कुमार)। शुक्रवार को प्रदेश व जनपद के किसानों की समस्याओं को लेकर भारतीय किसान यूनियन टिकैत संगठन द्वारा जिलाध्यक्ष प्रेम अतुल यादव के नेतृत्व में एक 17 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ जी को संबोधित करते हुए जिला अधिकारी कार्यालय में ज्ञापन सौंपा।
इस दौरान जिलाध्यक्ष प्रेम अतुल यादव ने कहा कि आज देश का अन्नदाता अनेकों कठिनाइयों जूझ रहा है जिसका मुख्य कारण कृषि लागत अधिक होना तथा उत्पादन मूल्य काम होना है जिसका मुख्य कारण प्राकृतिक आपदाएं आवारा पशुओं का प्रकोप माना जा सकता है।
उन्होंने कहा कि जब हमारे देश का अन्नदाता ही खुशहाल नहीं होगा तो देश खुशहाल कैसे हो सकता है । इसलिए किसानों की समस्याओं के चलते आज 17 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी फिरोजाबाद को सौंपा गया है।
जिसमें गन्ना मूल्य 450 रुपए करने तथा पुराने किसानों के बकाया भुगतान को जल्द करने के निर्देश जारी करने की मांग , छोटे एवं सीमांत किसानों के कृषि ऋण माफ करने की मांग , किसानों को मुक्त बिजली उपलब्ध कराने तथा आवारा पशुओं के खिलाफ ठोस नीति बनाने एवं फसल बीमा योजना में सुधार करने जिसे शीघ्र मुआवजा किसानों को मिल सके,
खाद, बीज, कीटनाशक,डीजल आदि किसानों के उपयोग की चीजें टैक्स फ्री करने , प्रधानमंत्री किसान सम्मन निधि की राशि बढ़ाकर ₹12000 प्रति वर्ष करने,किसान पेंशन योजना लागू करने आदि के साथ-साथ अन्य किसानों से संबंधित मांगे रखी गई है तथा अगर सरकारी एवं प्रशासन द्वारा हमारी मांगे नहीं मानी जाती हैं तो संगठन रणनीति बनाकर धरना प्रदर्शन के लिए बाध्य होगा ।
खाद की किल्लत किसानों की मुसीबत --
इस दौरान जिला अध्यक्ष प्रेम अतुल यादव ने कहा कि जनपद के साथ-साथ प्रदेश में किसानों को आवश्यकता के अनुसार खाद नहीं मिल रही है घंटों घंटों लाइन में लगने के बाद भी किसानों को निराशा हाथ लगती है यह बहुत ही दुर्भाग्य की बात है । सरकार को ठोस कदम उठाना चाहिए जिससे किसानों को आवश्यकतानुसार खाद उपलब्ध हो सके और किसान समय पर अपनी फसल वो सके।

