मनरेगा कार्यों में 21 लाख रुपये का फर्जीवाड़ा, लोकपाल जांच में खुलासा

नेशनल एक्सप्रेस डिजिटल डेस्क
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लोकपाल की जांच में करीब 21 लाख रुपये का गबन उजागर हुआ है, जबकि ऑडिटर की रिपोर्ट में सभी कार्यों को सही बताया गया था।

नेशनल एक्सप्रेस ब्यूरो, कानपुर (डीके सिंह)। बिल्हौर ब्लॉक की सैबसू और रहीमपुर करीमपुर ग्राम पंचायतों में बड़ा घोटाला, ऑडिटर रिपोर्ट में सब कुछ बताया था ठीक,जिले के बिल्हौर ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली सैबसू और रहीमपुर करीमपुर ग्राम पंचायतों में मनरेगा कार्यों के नाम पर बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। लोकपाल की जांच में करीब 21 लाख रुपये का गबन उजागर हुआ है, जबकि ऑडिटर की रिपोर्ट में सभी कार्यों को सही बताया गया था।

शासन के निर्देशानुसार हर वर्ष ग्राम पंचायतों में कराए गए मनरेगा कार्यों का ऑडिट कराया जाता है। इसके लिए चयनित ऑडिटर गांव-गांव जाकर किए गए कार्यों का सत्यापन करते हैं और अपनी रिपोर्ट जिला कोऑर्डिनेटर के माध्यम से उपायुक्त मनरेगा को भेजते हैं। लेकिन इस बार ऑडिटर की रिपोर्ट और लोकपाल की जांच में बड़ा अंतर सामने आया है।

लोकपाल जांच में सामने आया कि सैबसू ग्राम पंचायत में मनरेगा के तहत 17 कार्य केवल कागजों में दिखाए गए, जिन पर करीब ₹4,59,549 का फर्जी भुगतान किया गया। वहीं रहीमपुर करीमपुर ग्राम पंचायत में 13 कार्यों में से एक भी काम मौके पर नहीं मिला, जबकि रिकॉर्ड में अन्य ग्राम पंचायतों के मजदूरों की फर्जी हाजिरी लगाकर ₹17 लाख से अधिक का भुगतान दिखाया गया।

लोकपाल रिपोर्ट के आधार पर सैबसू की जांच जिलास्तरीय अधिकारियों द्वारा पूरी कर ली गई है और रिपोर्ट शीघ्र ही सीडीओ को सौंपी जाएगी, जबकि रहीमपुर करीमपुर की जांच अभी लंबित है। जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि सोशल ऑडिट टीमों ने भी प्रधान और सचिव के अनुसार ही रिपोर्ट तैयार की, जिससे फर्जीवाड़ा लंबे समय तक छिपा रहा। अब जिला प्रशासन ने दोनों ग्राम पंचायतों में जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है।

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