नाइटक्लब आग : लूथरा बंधुओं को थाईलैंड में हिरासत में लिया गया
गोवा में नाइट क्लब में आग लगने से 25 लोगों की मौत के बाद भारत से भागे उसके मालिकों सौरभ लूथरा और गौरव लूथरा को थाईलैंड पुलिस ने हिरासत में लिया है
पणजी/नयी दिल्ली, भाषा। गोवा में नाइट क्लब में आग लगने से 25 लोगों की मौत के बाद भारत से भागे उसके मालिकों सौरभ लूथरा और गौरव लूथरा को थाईलैंड पुलिस ने हिरासत में लिया है और उन्हें भारत लाने की प्रक्रिया जारी है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। इस बीच, दिल्ली की अदालत ने दोनों आरोपियों के आचरण और अपराधों की गंभीरता का हवाला देते हुए उनकी ट्रांजिट अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं। छह दिसंबर को ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ नाइट क्लब में आग लगने से 25 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे के तुरंत बाद लूथरा बंधु थाईलैंड के फुकेट भाग गए थे।
वहीं, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ नाइट क्लब के सह-मालिक सौरभ लूथरा और गौरव लूथरा को थाईलैंड से जल्द से जल्द भारत वापस लाया जाएगा। सावंत ने कहा कि गोवा पुलिस और सीबीआई की टीम इस मामले के मुख्य आरोपी लूथरा बंधुओं को ‘‘जितनी जल्दी हो सके’’ भारत वापस लाएगी। बुधवार को आरोपियों ने थाईलैंड से दिल्ली लौटने के तुरंत बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए चार सप्ताह की अग्रिम जमानत का अनुरोध किया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वंदना ने लूथरा बंधुओं की याचिकाएं खारिज कर दीं।
सुनवाई के दौरान, गोवा के वकील ने याचिका का विरोध करते हुए कहा, ‘‘वे भाग गए, छिप गए, और अब नरमी की गुहार लगा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि लूथरा बंधुओं ने आग लगने की घटना के तुरंत बाद गोवा छोड़ दिया था और वे ‘‘कानूनी प्रक्रिया से बच रहे हैं।’’ गोवा की ओर से पेश वकील ने कहा कि कानून उन लोगों की मदद नहीं करता जो समन या वारंट का पालन करने से इनकार करते हैं। सुनवाई के दौरान लूथरा बंधुओं की ओर से पेश वकील ने कहा कि वे तुरंत वापस आकर जांच का सामना करने को तैयार हैं।
हालांकि, अदालत ने कहा कि यह अपराध गंभीर प्रकृति का है क्योंकि आग लगने से 25 लोगों की जान चली गई। न्यायाधीश ने कहा कि आवेदकों के आचरण और आरोपों की प्रकृति को देखते हुए, अदालत उन्हें राहत देने की इच्छुक नहीं है। न्यायाधीश ने कहा कि दस्तावेजों से पता चलता है कि आरोपियों ने छह-सात दिसंबर की दरम्यानी रात एक बजकर 17 मिनट पर (आग लगने के एक घंटे से अधिक समय बाद) फुकेट के लिए टिकट बुक किए थे और उड़ान सुबह 5:20 बजे रवाना हुई थी।
न्यायाधीश ने कहा कि इस तथ्य को ‘‘छिपाया’’ गया था, और उनके वकील ने इसके बजाय यह दावा किया कि आग लगने से पहले वे थाईलैंड के लिए रवाना हो गए थे। अदालत ने कहा कि क्लब का लाइसेंस, व्यापार लाइसेंस और पट्टा विलेख समाप्त हो चुका था। अधिकारियों ने बताया कि नाइटक्लब के सह-मालिकों 44 वर्षीय गौरव और 40 वर्षीय सौरभ को भारत सरकार के अनुरोध पर थाईलैंड में हिरासत में लिया गया है। दोनों के खिलाफ इंटरपोल का ‘ब्लू कॉर्नर नोटिस’ जारी किया गया था।
वरिष्ठ अधिकारियों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को पुष्टि की है कि दोनों आरोपियों को थाईलैंड के फुकेट में हिरासत में लिया गया है और उन्हें भारत लाने की प्रक्रिया जारी है। जैसे ही लूथरा बंधुओं की गिरफ्तारी की खबर सामने आई, हथकड़ी पहने उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर प्रसारित होने लगीं। अधिकारियों के अनुसार, गिरफ्तारी से बचने के लिए दोनों ने छह-सात दिसंबर की दरम्यानी रात एक बजकर 17 मिनट पर एक यात्रा पोर्टल के माध्यम से फुकेट के लिए अपनी टिकटें बुक की थीं। उन्होंने उत्तरी गोवा के अरपोरा में स्थित उनके नाइट क्लब ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ में लगी भीषण आग के बारे में पता चलने के एक घंटे के भीतर टिकटें बुक कर ली थीं।
जिस समय पुलिस और प्रशासन आग बुझाने तथा कर्मचारियों को बचाने की कोशिश कर रहे थे, उसी दौरान ये दोनों रविवार तड़के इंडिगो की एक उड़ान से भारत से रवाना हो गए। गोवा पुलिस ने उनके खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से संपर्क किया था। गोवा से ताल्लुक रखने वाले केंद्रीय नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने संसद भवन के बाहर पत्रकारों से कहा, ‘‘हां, दोनों (लूथरा बंधुओं) को गिरफ्तार कर लिया गया है।’’ उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया, ‘‘इतनी बड़ी त्रासदी होने के बाद वे क्यों भाग गए। आखिर वे कहां भाग सकते थे।’’ इस बीच, गोवा की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ नाइट क्लब के सह-मालिक अजय गुप्ता को सात दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया।
गुप्ता को पूछताछ के लिए बुधवार रात दिल्ली से गोवा ट्रांजिट रिमांड पर लाया गया था। एक अधिकारी ने बताया था कि उन्हें विस्तृत जांच के लिए अंजुना पुलिस थाने ले जाया गया। इससे पहले गुप्ता के खिलाफ ‘लुकआउट सर्कुलर’ (एलओसी) जारी किया गया था। गुप्ता के वकील रोहन देसाई ने बताया कि पुलिस ने दस दिन की हिरासत मांगी थी, लेकिन मापुसा की अदालत ने सात दिन की हिरासत मंजूर की। देसाई ने यह भी कहा कि उनका मुवक्किल जांच एजेंसी के साथ पूरी तरह सहयोग कर रहा है। अदालत ले जाए जाते समय गुप्ता ने पत्रकारों से कहा कि क्लब के संचालन में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। गुप्ता ने कहा, ‘‘मुझे कुछ नहीं पता। मेरा इसमें कोई हाथ नहीं है। क्लब के संचालन में मेरी कोई भूमिका नहीं थी।’ ’

