रमेश भैया जी

गीता पढ़ी पुस्तक में, लेकिन दीक्षा गांधीजी से मिली_विनोबा

बाबा निरंतर अनुभव करता है कि बापू मेरे आगे पीछे और ऊपर हैं। बाबा शंकराचार्य के एक वाक्य का हर समय ध्यान रखते थे कि मनुष्य के परम भाग्य तीन होते हैं।
विमर्श  संपादकीय 

विनोबा विचार प्रवाह ! एकवर्षीय मौन संकल्प का 294 वां दिन

कर्मयोग में,संसार में, जीवन में सत्य प्रधान होता है। ज्ञानियों के दिमाग में और विद्वानों के पुस्तकालय में ज्ञान प्रधान होता है। भक्तिमार्ग में आनंद प्रधान होता है।
विमर्श  संपादकीय 

विनोबा विचार प्रवाह! एकवर्षीय मौन संकल्प का 293 वां दिन

बाबा की कल्पना थी कि गांव गांव में सरकारी स्कूल अगर नहीं खुल सकें तो हमारे सुबह के समय एक घंटे के स्कूल चलें।
विमर्श  संपादकीय 

विनोबा विचार प्रवाह! एकवर्षीय मौन साधना का 292 वां दिन

विचारों का प्रत्यक्ष जीवन से नाता टूट जाने से विचार निर्जीव हो जाते हैं और जीवन विचार शून्य बन जाता है। बाबा कहते थे कि मनुष्य घर में जीता है और शाला में विचार सीखता है। इसलिए जीवन और विचार का मेल नहीं बैठता।
विमर्श  संपादकीय 

विनोबा विचार प्रवाह! एकवर्षीय मौन साधना का 291 वां दिन

कर्तव्य परायण शिक्षक स्वत:सिद्ध शिक्षण केंद्र है उसके समीप बैठना ही शिक्षा है_ विनोबा।
विमर्श  संपादकीय 

विनोबा सेवा आश्रम के तत्वावधान में जयप्रभा कुटीर का मनाया गया 12 वां स्थापना दिवस

समाज में बुजुर्गों की सेवा से बढ़कर कुछ नहीं, उनकी सेवा से ज्ञान और आयु प्राप्त होती है। अपने माता पिता की सेवा तो हर कोई कर लेता है लेकिन गांव के सभी बुजुर्गों को अच्छा बिस्तर मिले, पंखे की हवा मिले, पोषक स्वल्पाहार मिले, बीमार हों तो इलाज मिले।
विमर्श  संपादकीय 

एकादश गतिविधियों का केंद्र बना जयप्रभा कुटीर

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पांचवें पुत्र कहे जाने वाले जमनालाल बजाज की स्मृति में राष्ट्र का सर्वाधिक प्रख्यात अवार्ड रचनात्मक क्षेत्र में जमनालाल बजाज पुरस्कार संत मोरारी बापू के कर कमलों से रमेश भइया _ विमला बहन समाजसेवी दंपति को वर्ष 2011 में प्राप्त होना अत्यंत गौरव का प्रतीक था।
विमर्श 

विनोबा विचार प्रवाह! एकवर्षीय मौन साधना का 289 वां दिन

आज तो अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस भी है। तो पूर्व माध्यमिक विद्यालय सिमरई के प्रधानाध्यापक श्री कौशल कुमार के सौजन्य से वहां की छात्राएं बालिकाओं के जीवन पर नाटक प्रस्तुत करेंगी।
विमर्श  संपादकीय 

विनोबा विचार प्रवाह! एकवर्षीय मौन संकल्प का 288वां दिन

शिक्षकों का काम शिक्षण के द्वारा समूचे समाज की रचना बदलने का है।शिक्षक शांतिमय क्रांति के अग्रदूत हैं। शिक्षकों का अनुराग और वात्सल्य विद्यार्थियों से होना चाहिए। उनके लिए तो शिष्यदेवो भव। शिष्य ही उनके देव हैं।
संपादकीय 

विनोबा विचार प्रवाह! एकवर्षीय मौन संकल्प का 286वां दिन

समाधिस्थ होकर नित्य निरंतर थोड़ी देर तक किसी निश्चित विषय के अध्ययन को बाबा गंभीर अध्ययन कहते हैं। दस_ बारह घंटे करवट बदल_बदल के सोना या सपने देखते रहना, इस नींद से विश्रांति नहीं मिलती। परंतु पांच_ छह घंटे गाढ़ निद्रा आए तो उससे पूर्ण विश्रांति मिलती है। समाधि अध्ययन का प्रमुख तत्व है।
संपादकीय 

उत्तर प्रदेश को रेशम उत्पादन की ऊंचाई पर ले जाने वाले वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ. जैकब थामस नहीं रहे

विनोबा सेवा आश्रम परिवार ने थॉमस जी के निधन पर एक शोक सभा की,जिसमें आश्रम की संरक्षक विमला बहन, महिला रेशम बहराइच की जिला प्रबंधक रही कमला सिंह बस्ती महिला रेशम में रही शिवकुमारी और रीना बहन ने उनके स्वभाव के बारे में बताया।
राष्ट्रीय 

विनोबा विचार प्रवाह! एकवर्षीय मौन संकल्प का 284 वां दिन

चीन और जापानवालों को उसका पता सालों बाद हुआ। आज दुनिया की छोटी सी भी घटना का असर हिंदुस्तान के बाजार पर तुरंत हो जाता है। इस जमाने की सबसे बड़ी शक्ति है, निर्णय_ शक्ति। उसी को प्रज्ञा कहते हैं। जिसकी प्रज्ञा स्थिर हो गई,उसे स्थितप्रज्ञ कहते हैं।
विमर्श  संपादकीय  आध्यात्म