सम्भल में पीडब्ल्यूडी का मेगा घोटाला बेनकाब चार दिन पुरानी 4 किमी सड़क चूर-चूर करोड़ों की लूट की बू… 

नेशनल एक्सप्रेस डिजिटल डेस्क
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ग्रामीणों ने कहा ये सड़क नहीं भ्रष्टाचार का स्मारक है, जिन सड़क पर पांव रखने से डर लगे उसको पीडब्ल्यूडी ने पास कैसे किया सवालों की बौछार भ्रष्ट माफिया पर शिकंजा कसने की मांग।

नेशनल एक्सप्रेस संवाददाता, गुन्नौर। रजपुरा ब्लॉक में पीडब्ल्यूडी की सबसे बड़ी लापरवाही और भ्रष्टाचार का खुलासा सामने आया है। भिरावटी के मजरा गुरेठा से बुझिया के घेर तक बनी करीब 4 किलोमीटर की काली सड़क जो महज चार-पांच दिन पहले ही बनाई गई थी आज उखड़कर बिखर चुकी है।

सड़क की हालत ऐसी है कि ग्रामीणों ने इसे कागज़ की सड़क ठेकेदारों की लूट का नमूना और भ्रष्टाचार का ताज़ा सबूत बताना शुरू कर दिया है। गांव में गुस्सा उस स्तर पर पहुंच चुका है कि लोग पूछ रहे हैं। क्या सरकार की योजनाओं पर ठेकेदारों और अधिकारियों का कब्ज़ा हो चुका है।

सड़क की परत हाथ से छिली… जैसे रोटी की सतह हो

सड़क का निरीक्षण करने पहुंचे ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों के सामने सड़क की हकीकत खुद बोल उठी। ऊपरी परत उंगलियों से झड़ रही थी कोलतार गायब, बेस लेयर कमजोर, जैसे सड़क नहीं बल्कि भ्रष्टाचारियों की कमाई की पर्तें बिछाई गई हों। ग्रामीणों ने कहा कि यह सड़क एक सप्ताह भी टिक नहीं सकी जिससे साफ है कि निर्माण में भारी खेल खेला गया। सड़क पर उखड़ी परतों को देखकर ग्रामीणों में आक्रोश की आग भड़क उठी।

ग्रामीणों के बयान ने हिला दी व्यवस्था ये सड़क नहीं जनता के पैसे पर डाका है।

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मुकेश यादव (क्षेत्र पंचायत सदस्य)

यह सड़क जनता के पैसे की खुली लूट है। इतने बड़े भ्रष्टाचार में पीडब्ल्यूडी के अधिकारी तक सवालों के घेरे में हैं। जो सड़क कुछ दिन में उखड़ जाए उसकी मंज़ूरी कैसे मिल गई।

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रामदास (ग्राम निवासी)

सड़क की परत हाथ लगाते ही टूट जाती है। ऐसी सड़क किसने चेक की कौन था वह अधिकारी जिसने इसे पास किया यह सीधा भ्रष्टाचार है।

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विज्जन यादव

निर्माण मानकों को पूरी तरह ठेंगा दिखाया गया। यह सड़क कमीशनखोरी और मिलीभगत का सबसे बड़ा नमूना है। ऐसे ठेकेदारों को जेल भेजा जाए।

योगी खुशीनाथ जी

15 साल पुरानी सड़क आज भी चल रही है लेकिन नई सड़क एक हफ्ता भी नहीं चली। यह लाखों-करोड़ों की लूट का खेल है। अधिकारियों को कई बार बताया लेकिन कोई आया ही नहीं।

पीडब्ल्यूडी की भूमिका पर गंभीर सवाल क्या भ्रष्टाचार को संरक्षण दिया गया

ग्रामीणों का आरोप है कि सड़क निर्माण में उपयोग की गई सामग्री की गुणवत्ता पर किसी भी अधिकारी ने निरीक्षण नहीं किया जिससे यह साफ संकेत मिलता है कि मामला गहरा है और केवल ठेकेदार नहीं बल्कि ऊपर तक संरक्षण मिलने की आशंका है। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि अगर जांच ईमानदारी से हुई तो यह मामला सबसे बड़े सड़क घोटालों में शामिल हो सकता है।

ग्रामीणों की मांग ठेकेदार गिरफ्तार हों अधिकारी निलंबित हों सड़क की तकनीकी जांच हो लोगों ने निम्नलिखित मांगें रखी हैं

सड़क निर्माण की उच्चस्तरीय तकनीकी जांच

दृष्टिकोण से जुड़े सभी ठेकेदारों पर FIR और गिरफ्तारी

निर्माण को पास करने वाले अधिकारियों का निलंबन

पूरी फाइल की जांच एंटी करप्शन टीम से

सड़क दोबारा मानक के अनुसार निर्माण

ग्रामीणों ने कहा कि अगर जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं हुई तो गांव से बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा।

गांव में अब एक ही बात चर्चा में है अगर चार दिन में सड़क टूट सकती है। तो करोड़ों कहां गए।

पीडब्ल्यूडी पर उठे इन सवालों का जवाब कौन देगा…

ठेकेदारों और अधिकारियों के गठजोड़ की कहानी कहां तक जाती है…

यह आने वाली जांच बताएगी।

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