अंतरिक्ष उद्योग ने सीएमएस-03 उपग्रह के सफल प्रक्षेपण पर इसरो को बधाई दी

नेशनल एक्सप्रेस डिजिटल डेस्क
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उद्योग संगठनों ने रविवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को देश की धरती से प्रक्षेपित होने वाले सबसे भारी उपग्रह सीएमएस-03 के प्रक्षेपण पर बधाई दी।

नई दिल्ली, भाषा। उद्योग संगठनों ने रविवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को देश की धरती से प्रक्षेपित होने वाले सबसे भारी उपग्रह सीएमएस-03 के प्रक्षेपण पर बधाई दी। सीएमएस-03 (4,410 किलोग्राम वजनी) भारतीय नौसेना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले जीसैट-7 का प्रतिस्थापन उपग्रह है। इस उपग्रह को रविवार शाम एलवीएम-3 रॉकेट द्वारा भू-समकालिक स्थानांतरण कक्षा (जीटीओ) में स्थापित किया गया।

भारतीय अंतरिक्ष संघ (आईएसपीए) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अनिल के भट्ट (सेवानिवृत्त) ने यहां एक बयान में कहा, ‘‘एलवीएम3 रॉकेट (बाहुबली) द्वारा सीएमएस-03 उपग्रह का सफल प्रक्षेपण भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जो रणनीतिक अनुप्रयोगों के लिए भारी पेलोड वाले उपग्रहों को प्रक्षेपित करने में हमारी संप्रभु क्षमता का प्रदर्शन सशक्त तरीके से करता है।’’

अनंत टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (एटीएल) के अध्यक्ष और सैटकॉम इंडस्ट्री एसोसिएशन-इंडिया के अध्यक्ष सुब्बा राव पवुलुरी ने कहा कि मल्टी-बैंड सैन्य संचार उपग्रह सीएमएस-3 के सफल प्रक्षेपण ने देश को उन्नत संचार अवसंरचना प्रदान करने की इसरो की क्षमता को प्रदर्शित किया है।

पावुलुरी ने कहा कि एटीएल ने सीएमएस-03 उपग्रह के लिए बड़ी संख्या में उप-प्रणालियां प्रदान कीं जिनमें विद्युत नियंत्रण एवं प्रबंधन प्रणाली, विद्युत वितरण प्रणालियां, भू-नियंत्रण केंद्र से इंटरफेस करने के लिए टेलीमेट्री और टेली-कमांड प्रणालियां, पेलोड डीसी-डीसी कन्वर्टर्स और नेविगेशन उद्देश्य के लिए स्टार सेंसर शामिल हैं।

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भट्ट ने कहा कि यह उपग्रह हमारी समुद्री और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए रणनीतिक रूप से अहम साबित होगा, क्योंकि यह उन्नत, सुरक्षित संचार चैनल प्रदान करेगा जो हिंद महासागर क्षेत्र और मुख्य भूमि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

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