बांग्लादेश की अदालत ने जमीन घोटाला मामले में शेख हसीना को पांच साल की सजा सुनाई

नेशनल एक्सप्रेस डिजिटल डेस्क
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बांग्लादेश की एक अदालत ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को जमीन घोटाला मामले में सोमवार को पांच साल की जेल और उनकी भांजी एवं ब्रिटिश सांसद ट्यूलिप सिद्दीक दो साल जेल की सजा सुनाई।

ढाका, भाषा। बांग्लादेश की एक अदालत ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को जमीन घोटाला मामले में सोमवार को पांच साल की जेल और उनकी भांजी एवं ब्रिटिश सांसद ट्यूलिप सिद्दीक दो साल जेल की सजा सुनाई। सरकारी ‘बीएसएस’ समाचार एजेंसी की खबर के अनुसार ढाका के विशेष न्यायाधीश की अदालत-4 के न्यायाधीश मोहम्मद रबीउल आलम ने इसी मामले में हसीना की बहन शेख रेहाना को भी सात साल जेल की सजा सुनाई। भ्रष्टाचार के इस मामले में 17 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। कोर्ट ने तीन आरोपियों की गैरमौजूदगी में खचाखच भरे अदालत कक्ष में यह फैसला सुनाया।

शेष 14 आरोपियों में से प्रत्येक को पांच साल की जेल हुई। अदालत ने हसीना, रेहाना और सिद्दीक समेत सभी 17 दोषियों में से प्रत्येक पर एक लाख टके का जुर्माना भी लगाया और जुर्माना नहीं भरने पर उन्हें छह महीने की अतिरिक्त जेल की सजा काटनी होगी। ब्रिटेन की बांग्लादेश मूल की लेबर पार्टी की नेता सिद्दीक रेहाना की बेटी हैं तथा 2015 से हैम्पस्टेड और हाईगेट से सांसद हैं। अंतरिम सरकार ने अप्रैल में हसीना के प्रधानमंत्री रहने के दौरान हुए भ्रष्टाचार की जांच के तहत 43 साल की सिद्दीक के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।

उन्हें अपनी मौसी हसीना को प्रभावित करके ढाका के बाहरी क्षेत्रों में अपनी मां, भाई और बहन के नाम पर जमीन लेने का दोषी पाया गया। हालांकि, इन आरोपों का उन्होंने सख्ती से खंडन किया है। ‘द डेली स्टार’ अखबार की खबर के मुताबिक भ्रष्टाचार रोधी आयोग (एसीसी) द्वारा दायर किए गए मामलों में 78 वर्षीय हसीना से जुड़ा यह चौथा फैसला है। एसीसी ने 13 जनवरी को हसीना, रेहाना और सिद्दीक समेत 15 लोगों के खिलाफ जमीन घोटाले का मामला दर्ज किया था। इन लोगों पर आरोप था कि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान गैर-कानूनी तरीके से भूखंड का आवंटन हासिल किया था।

जांच अधिकारी ने बाद में 10 मार्च को 17 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। ‘द ढाका ट्रिब्यून’ अखबार की खबर में कहा गया है कि एसीसी ने 12 से 14 जनवरी के बीच अपने ढाका एकीकृत जिला कार्यालय-1 में ‘पूर्बाचल न्यू टाउन’ परियोजना के तहत भूखंड के आवंटन में कथित अनियमितताओं को लेकर छह अलग-अलग मामले दायर किए थे। एसीसी के मुताबिक हसीना ने ‘राजुक’ के अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके अपने और अपने बेटे सजीब वाजिद जॉय और बेटी साइमा वाजिद पुतुल सहित कई रिश्तेदारों के लिए गैर-कानूनी तरीके से छह भूखंड हासिल किए जिनमें से हर एक का आकार 10 कट्ठा (7,200 वर्ग फुट) था, जबकि मौजूदा नियमों के तहत वे इसके योग्य नहीं थे।

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एसीसी अधिकारियों ने कहा कि सिद्दीक ने रेहाना, बॉबी और अजमीना के नाम पर भूखंड पाने के लिए अपने पद का इस्तेमाल किया। राजधानी उन्नयन कर्तृपक्खा (राजुक) बांग्लादेश में सरकारी इमारतों की योजना बनाने से लेकर निर्माण तक के नियमों की निगरानी के लिए जिम्मेदार सरकारी एजेंसी है। इस मामले में 31 जुलाई को 29 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए गए जिनमें हसीना, रेहाना, जॉय, पुतुल और ट्यूलिप शामिल हैं। हसीना को 27 नवंबर को 21 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई गई, जिसमें पूर्बाचल जमीन घोटाला मामले में दायर किए गए तीन मामले में से प्रत्येक में सात साल की सजा शामिल है। जॉय और पुतुल अलग-अलग मामले में सहआरोपी थे और उन्हें प्रत्येक मामले में पांच साल की सजा सुनाई गई।

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‘बीबीसी’ (ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सिद्दीक लंदन में रहती हैं और उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया है। ब्रिटेन की बांग्लादेश के साथ कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं है। इसे ‘2बी’ देश की श्रेणी में रखा गया है, जिसका मतलब है कि किसी भी प्रत्यर्पण को मंजूरी देने के लिए वकीलों और न्यायाधीशों के सामने स्पष्ट सबूत पेश करने होंगे। पिछले साल पांच अगस्त को बांग्लादेश में हुए व्यापक प्रदर्शन के बाद से हसीना भारत में रह रही हैं। प्रदर्शन के कारण उन्हें सत्ता छोड़नी पड़ी और उनकी अवामी लीग की सरकार गिर गई थी।

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उन्हें एक अदालत ने भगोड़ा घोषित किया था। हसीना को उनकी सरकार द्वारा पिछले साल छात्रों के प्रदर्शनों पर की गई क्रूर कार्रवाई के लिए ‘‘मानवता के खिलाफ अपराधों’’ के आरोप में पिछले महीने एक विशेष न्यायाधिकरण ने उनकी गैरमौजूदगी में उन्हें मौत की सजा सुनाई थी। अपदस्थ प्रधानमंत्री का कहना है कि उनके खिलाफ लगे आरोप ‘‘पक्षपात से पूर्ण और राजनीति से प्रेरित’’ हैं।

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