तीन साल से सड़क पर जमा पानी, मौत के बाद टूटा ग्रामीणों का धैर्य, अब ब्लॉक पर करेंगे शोक सभा

चरथावल विकास खंड के गांव मगनपुर की एक बस्ती पिछले कई सालो से जलभराव की गंभीर समस्या से जूझ रही है, जहां सड़क की जगह एक स्थायी तालाब बन गया है।
नेशनल एक्सप्रेस कोसर चौधरी/ समीर (मुजफ्फरनगर)। ग्रामीणों का आरोप है कि बार-बार शिकायतों और अधिकारियों द्वारा दिए गए आश्वासनों के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हुआ है। इस झुंझलाहट और हताशा ने अब एक अनोखे और चौंकाने वाले रूप में सामने आया है। तरसपाल पुत्र नवल सिंह की शोक सभा उनके घर पर नहीं, बल्कि चरथावल ब्लॉक परिसर में आयोजित की जाएगी। ग्रामीणों का कहना है कि चूंकि उनके घर तक आने-जाने का कोई ठीक रास्ता नहीं बचा है और मेहमानों के लिए यहाँ आना-जाना दूभर है, इसलिए यही एकमात्र रास्ता बचा है।
मगनपुर गांव के पाल समाज की बस्ती में सड़क बनने के बाद से ही जलभराव की समस्या शुरू हो गई। ग्रामीणों ने इसकी कई बार अधिकारियों को सूचना दी। पिछले साल भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेतृत्व में आयोजित एक पंचायत के दौरान अधिकारी मौके पर पहुंचे भी और सड़क के पुनर्निर्माण और पानी की निकासी का समाधान करने का आश्वासन दिया। लेकिन ग्रामीणों के अनुसार, ये आश्वासन महज कागजी साबित हुए और आज तक जमीन पर कुछ नहीं बदला।
इस पूरे मामले में दुख की एक और परत तब जुड़ गई जब पिछले दिनों बस्ती के निवासी तरसपाल (पुत्र नवल सिंह) की मृत्यु हो गई।
तरसपाल का घर इसी जलभराव वाली सड़क के किनारे है। परिवार और रिश्तेदारों के लिए अंतिम संस्कार के दौरान आना-जाना और शोक संतप्त परिवार से मिलना एक बहुत बड़ी चुनौती बन गया। इस घटना ने ग्रामीणों का सब्र का बांध तोड़ दिया। पीड़ित परिवार और अन्य ग्रामवासियों ने एक सामूहिक निर्णय लिया है। उन्होंने तय किया है कि तरसपाल की आगामी तेरहवीं (13वें दिन की रस्म) के मौके पर शोक सभा गांव में नहीं, बल्कि चरथावल ब्लॉक परिसर में आयोजित की जाएगी।
ग्रामीणों ने स्पष्ट किया कि इस अनोखे और मजबूरी भरे प्रदर्शन की पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। उनका यह कदम सड़क निर्माण में आ रही लापरवाही और देरी के खिलाफ एक तीखा प्रतिरोध है। उनका कहना है कि जब उनके गांव में मेहमानों के आने-जाने लायक रास्ता ही नहीं है, तो फिर ऐसे में शोक सभा जैसा कार्य ब्लॉक जैसे सार्वजनिक स्थान पर ही किया जा सकता है।