केंद्रीय बैंक के रुख, भू-राजनीतिक कारणों से सोने में उथल-पुथल की आशंका: विश्लेषक

नेशनल एक्सप्रेस डिजिटल डेस्क
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अगले हफ्ते घरेलू बाजार में सोने की कीमतें कुछ हद तक स्थिर रह सकती हैं।

नई दिल्ली, भाषा। अगले हफ्ते घरेलू बाजार में सोने की कीमतें कुछ हद तक स्थिर रह सकती हैं।विशेषज्ञों ने कहा कि निवेशक प्रमुख केंद्रीय बैंकों की बैठकों और वैश्विक व्यापार घटनाओं पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि निवेशक अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दर नीति और फेड के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के बयान पर खास नजर रखेंगे।

जेएम फाइनेंशियल के उपाध्यक्ष प्रणव मेर के अनुसार, ''हाल ही में सोने की कीमतें दस हफ्तों में पहली बार गिर गईं। इसका कारण निवेशकों के मुनाफा वसूली, भारत और चीन में कमजोर मांग तथा मजबूत अमेरिकी डॉलर है।'' उन्होंने कहा कि भारत में खरीदार कीमतें और गिरने की उम्मीद में कम खरीद रहे हैं, जबकि चीन और सिंगापुर में कम कीमतों ने खरीदारी बढ़ा दी।

एमसीएक्स पर दिसंबर डिलीवरी वाले सोने के वायदा भाव में 3,557 रुपये की गिरावट आई। एंजेल वन के प्रथमेश माल्या ने कहा, ''सोने में यह गिरावट निवेशकों के मुनाफा वसूली करने और अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता में सुधार के संकेतों के कारण आई।''

एमकेए ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की शोध विश्लेषक रिया सिंह ने कहा, ''इस सप्ताह सोने में एक दशक में सबसे तेज छह प्रतिशत से अधिक की गिरावट हुई। यह मुख्य रूप से तकनीकी कारणों से हुई, क्योंकि कीमतें 4,300 डॉलर प्रति औंस के ऊपर टिक नहीं पाईं।''

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उन्होंने कहा कि अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता में आशावाद और मजबूत डॉलर ने सोने में निवेश को सीमित किया। रिया सिंह ने कहा, ''हालांकि कीमतों में गिरावट आई है, लेकिन सोने का दीर्घकालिक नजरिया मजबूत है। अमेरिकी बजटीय घाटा, केंद्रीय बैंकों का डॉलर से दूर होना और भू-राजनीतिक जोखिम सोने के लिए सकारात्मक बने रहेंगे।''

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चांदी में भी हाल ही में तेजी के बाद गिरावट आई। एमसीएक्स पर दिसंबर डिलीवरी वाली चांदी 9,134 रुपये (5.83 प्रतिशत) कम हुई। अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी 3.02 प्रतिशत गिर गई। रिया सिंह ने कहा, ''चांदी का दीर्घकालिक दृष्टिकोण मजबूत है, क्योंकि सौर ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन जैसे उद्योगों में मांग बढ़ रही है।''

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