दिल्ली के परिवार की गोवा में छुट्टी बिताने की ख्वाहिश नाइटक्लब की आग में हुई खाक
विनोद कुमार अपनी पत्नी और तीन सालियों के साथ गोवा में छुट्टी बिताने की ख्वाहिश को पूरा करने के लिए एक हफ्ते से भी कम समय पहले दिल्ली से रवाना हुए थे। उनकी मां ने उन्हें खुशी-खुशी विदा किया।
नयी दिल्ली, भाषा। लेकिन वह सोमवार को उसी दरवाजे पर बैठी इंतजार कर रही थीं, इस बात से अनजान कि उनका छोटा बेटा, बड़ी बहू और दो करीबी रिश्तेदार आग में अपनी जान गंवाने के बाद कभी वापस नहीं लौटेंगे। गोवा में रविवार तड़के अरपोरा के एक नाइटक्लब में लगी भीषण आग में 25 लोग मारे गए। मरने वालों में दिल्ली के पांच निवासी शामिल थे और ये सभी कुमार के परिवार के सदस्य थे। पुलिस ने बताया कि परिवार की पांचवीं सदस्य भावना जोशी बच गईं, लेकिन वह घायल हैं।
मृतकों की पहचान विनोद कुमार (43), कमला जोशी (42), अनीता जोशी (41) और सरोज जोशी (39) के रूप में हुई है। घायल भावना की शादी विनोद से हुई थी। तीनों मृत महिलाएं भावना की बहन थीं। कमला की शादी विनोद के बड़े भाई नवीन से हुई थी। उनके रिश्तेदारों ने बताया कि चारों बहनें महीनों से इस यात्रा की योजना बना रही थीं - उम्मीद कर रही थीं कि अब कुछ दिन आराम कर पाएंगी क्योंकि उनके बच्चे बड़े हो गए हैं और अब पूरी तरह से उन पर निर्भर नहीं हैं। विनोद उनके साथ इसलिए गए थे कि यात्रा के दौरान वे सुरक्षित महसूस कर सकें। पांचों बहनें अपने करावल नगर स्थित घर से उत्साह के साथ निकलीं, उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें अपनी नियमित दिनचर्या से कुछ समय की फुर्सत मिलेगी।
परिवार के पुराने पड़ोसी महिपाल सिंह भंडारी ने कहा कि इस क्षति को सह पाना असंभव है। भंडारी ने कहा, ‘‘मैं लगभग 40 वर्षों से इस परिवार के बगल के घर में रह रहा हूं। यह बेहद दुखद है कि एक ही परिवार के चार सदस्यों की जान किसी और की गैरजिम्मेदारी के कारण चली गई।’’ एक रिश्तेदार और पड़ोसी हरीश ने कहा कि इस त्रासदी ने पूरे मोहल्ले को हिलाकर रख दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की घटनाओं को शुरू होने से पहले ही रोका जाना चाहिए। राजेंद्र नगर कोचिंग सेंटर का मामला ही लीजिए, उसे भी रोका जाना चाहिए था। उचित जांच जरूरी है। जहां भी भीड़ एकत्र हो, वहां निकास द्वार खुले होने चाहिए और हर संगठन को अग्नि सुरक्षा मानदंडों का पालन करना चाहिए।’’
हरीश ने कहा कि उन्होंने सुना है कि इस क्लब को बंद करने का आदेश दिया गया था, फिर भी यह कथित तौर पर ‘कई नोटिसों के बावजूद’ अवैध रूप से चलता रहा। उन्होंने कहा कि सरकार को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। हरीश ने कहा, ‘‘सख्त कार्रवाई ज़रूरी है और जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। परिवारों ने अपने बेटों, पतियों, बच्चों, भाइयों, बहनों, पत्नियों और बेटियों को खो दिया है, यह ऐसी चीज नहीं है जिसे आप नजरअंदाज कर सकें। उनमें से पांच गोवा की छुट्टी पर गए थे, जिनमें से चार हमेशा के लिए खो गए।’’ करावल नगर स्थित उनके घर पर रिश्तेदार, बच्चों और बुज़ुर्ग मां को सच्चाई से अवगत कराने से बचने की कोशिश कर रहे हैं।
विनोद और भावना के दो बच्चे हैं, एक 11 साल का बेटा और एक छह साल की बेटी। पड़ोसियों ने बताया कि उन्हें घर पर आने वाले पड़ोसियों और रिश्तेदारों से दूर रखा गया है। रिश्तेदारों ने बताया कि इस बीच कमला की 18 वर्षीय बेटी और 14 वर्षीय बेटा घटना की खबर मिलने के बाद से गुमशुम हैं और शायद ही किसी से बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे अपनी मां के लौटने का इंतजार कर रहे थे। एक अलग कमरे में विनोद की मां भी परिवार के लौटने का इंतजार कर रही हैं। रिश्तेदारों का कहना है कि वह पूछती रहती हैं कि ‘घायलों’ को किसी अच्छे अस्पताल में भेजा गया है या नहीं। एक स्थानीय निवासी ने कहा, ‘‘विनोद की मां को विश्वास है कि उनके परिवार के लोगों को किसी भी पल घर लाया जा सकता है। लेकिन कोई नहीं जानता कि सच्चाई जानने पर उनकी क्या प्रतिक्रिया होगी।’’

