भारत-रूस की उर्वरक कंपनियों ने 1.2 अरब डॉलर की यूरिया संयंत्र लगाने का समझौता किया

नेशनल एक्सप्रेस डिजिटल डेस्क
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रूस के किसी शहर में लगने वाले इस संयंत्र की सालाना क्षमता 20 लाख टन होगी और इसके 2028 के मध्य तक चालू होने की उम्मीद है।

नयी दिल्ली, भाषा। भारत की तीन उर्वरक कंपनियों - आरसीएफ, आईपीएल और एनएफएल - ने शुक्रवार को रूस की कंपनी यूरालकेम के साथ 1.2 अरब डॉलर (लगभग 10,000 करोड़ रुपये) की अनुमानित लागत से एक नया यूरिया संयंत्र स्थापित करने के लिए समझौता किया।

सूत्रों ने यह जानकारी दी। रूस के किसी शहर में लगने वाले इस संयंत्र की सालाना क्षमता 20 लाख टन होगी और इसके 2028 के मध्य तक चालू होने की उम्मीद है।भारत यूरिया का शुद्ध आयातक है और इस समझौते से उसे सुरक्षित और निश्चित आपूर्ति का लाभ मिलेगा।

इस संबंध में सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर की घोषणा करते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने ''भारत को खाद की दीर्घकालिक आपूर्ति सुनिश्चित करने के कदमों का स्वागत किया और इस क्षेत्र में संयुक्त उद्यम स्थापित करने की संभावना पर चर्चा की।''

मंत्रालय ने बताया कि एमओयू रूस की जेएससी यूरालकेम और भारतीय कंपनियों – राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (आरसीएफ), नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (एनएफएल) और इंडियन पोटाश लिमिटेड (आईपीएल) के गठजोड़ के बीच हुआ है।

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नया संयंत्र यूरिया उत्पादन के लिए रूस के प्राकृतिक गैस और अमोनिया संसाधनों का उपयोग करेगा।सूत्रों के अनुसार प्रस्तावित संयुक्त कंपनी में आरसीएफ और आईपीएल की 45-45 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी, जबकि बाकी हिस्सेदारी एनएफएल की होगी।बयान के मुताबिक 1.2 अरब डॉलर का प्रस्तावित निवेश इक्विटी और कर्ज के जरिए पूरा किया जाएगा।

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भारत ने भले ही घरेलू यूरिया उत्पादन बढ़ाया है, लेकिन कमी पूरी करने के लिए अभी भी आयात करता है। देश ने 2024-25 में 56.47 लाख टन यूरिया आयात किया, जिसमें से बड़ी मात्रा रूस से आई थी।

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