गुजरात में लौह महिला के रूप में प्रख्यात उत्तर प्रदेश की माननीय राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटे

नेशनल एक्सप्रेस डिजिटल डेस्क
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साबरमती गांधी आश्रम के ट्रस्टी और सुघड़ आश्रम/ सफाई विद्यालय के प्रमुख श्री जयेश भाई पटेल को आज समाज सेवा के क्षेत्र में काम करने वाला हर कोई जानता ही नहीं बल्कि मानता भी है।

नेशनल एक्सप्रेस ब्यूरो, नई दिल्ली। साबरमती गांधी आश्रम के ट्रस्टी और सुघड़ आश्रम/ सफाई विद्यालय के प्रमुख श्री जयेश भाई पटेल को आज समाज सेवा के क्षेत्र में काम करने वाला हर कोई जानता ही नहीं बल्कि मानता भी है। जयेश भाई_ अनार बेन के कारण संपूर्ण दुनिया भर में विशेषकर भारत के सामाजिक क्षेत्र के साथी राजनीति के क्षेत्र में बहुत बड़ी लाइन खींचने वाली सर्वप्रथम शिक्षा जगत की प्रख्यात और साहसी प्राचार्य, राज्यसभा की सांसद, गुजरात सरकार की 17 विभागों की मंत्री अनेक वर्षों तक रहीं,

फिर गुजरात की प्रथम महिला मुख्यमंत्री के पद को शोभायमान करने वाली, मध्यप्रदेश की 17 वीं राज्यपाल और छत्तीसगढ़ राज्य की राज्यपाल रहीं, वर्तमान में भारत के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की श्रीमती सरोजिनी नायडू के बाद द्वितीय महिला राज्यपाल के रूप में राज्य के 20 वें माननीय राज्यपाल के रूप में 29 जुलाई जिसका योग 11 वर्ष 2019 को श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने राज्यपाल के रूप में राजभवन के गांधी सभागार में शपथ ली थी।

उत्तर प्रदेश में गांव में काम मारनेवाली अनेक साजसेवी संस्थाएं शपथ ग्रहण की साक्षी बनी थी। श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने खोरड गांव जो पहले बंबई प्रीवेंसी में था आज वह खोरड़ गांव अब गुजरात में है, के एक किसान परिवार में आज 21 नवंबर के ही दिन आजादी से पहले वर्ष 1941 में जन्म हुआ था। गांव के जीवन से निकलकर शहर में पढ़ाई करने के निमित्त अनेकों प्रकार के कष्ट और संघर्ष झेलकर वे बढ़ते बढ़ते शिक्षा जगत में प्राचार्य के पद से जीवन की शुरुआत की।

लेकिन ईश्वर इच्छा के अनुरूप वे राजनीति की शिखर पुरुष के रूप में स्थापित हुईं। जीवन में अनेक पुस्तकें लिखकर लेखन क्षेत्र में एक बड़ा नाम कमाया। महिलाओं के कल्याण का वीणा उठानेवाली ग्रामश्री जैसी बड़ी संस्था की वे संस्थापक रही हैं। इस संस्था को गांव से जयजगत तक पहुंचाने का काम आदरणीय अनार बेन कर रही है।अब शायद ही देश के किसी राज्य की राजधानी शेष बची हो जहां क्राफ्टरूट की प्रदर्शनी न लगी हो।

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महिलाओं द्वारा निर्मित हस्त उत्पाद के विपणन की इतनी बड़ी संस्था अभी भारत में कोई नहीं है। श्रीमती आनंदीबेन पटेल के परिवार का जहां एक ओर देश की आजादी की लड़ाई में महात्मा गांधी और सरदार बल्लभ भाई पटेल के कारण बहुत बड़ा योगदान रहा वहीं दूसरी ओर पूज्य विनोबा जी द्वारा संचालित भूदान आंदोलन में उनके पूज्य पिता जी द्वारा अपनी जमीन दान देकर योगदान दिया गया था।

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प्रत्येक वर्ष वे आज का भव्य दिन अनेक बार गरीब _गुनिया महिलाओं के बीच, समाज में उपेक्षित बच्चों के साथ जाकर मनाती रही हैं। इसी श्रृंखला में एक _दो वर्ष पूर्व पीलीभीत जनपद के उस रामनगरा क्षेत्र जहां की महिलाएं अपने परिवार के साथ खेती में सर्वाधिक काम करके बृहत सब्जी उत्पादन करती हैं।उनके बीच जाकर मटैया लालपुर में महिला किसानों के साथ आकर मनाया था। जिसको आज भी वहां के सब लोग विशेषकर वे गांव को महिलाएं खूब याद करती हैं।

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विनोबा सेवा आश्रम वहां की 2000 बहनों के साथ जैविक सब्जी उत्पादन का काम करता है। विनोबा सेवा आश्रम परिवार आज के पावन दिन को बहुत गौरव के दिन में मनाता आ रहा है। राजभवन लखनऊ में आज पहुंचकर बहुत लोग उन्हें शुभकामनाएं देकर उनके दीर्घायु जीवन की कामना कर रहे हैं।

वहीं दूसरी ओर आज देश की अनेक संस्थाएं ग्रामश्री, सेवा साधना, ई एस आई, क्राफ्टरूट, सफाई विद्यालय , गांधी विनोबा विचार से जुड़ी अनेक संस्थाएं उनके 85 वें जन्मदिन को बड़े बड़े प्रकल्पों के साथ मना रही हैं। विनोबा विचार प्रवाह परिवार की ओर से आदरणीय आनंदी बा को हृदय से असीम अनंत अखंड शुभकामनाएं। रामहरि।

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