स्टालिन ने धान की नमी के मानदंडों संबंधी अनुरोध खारिज होने पर केंद्र की आलोचना की
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने धान खरीद के लिए नमी के मानदंडों में ढील देने के राज्य के अनुरोध को खारिज करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार की बृहस्पतिवार को आलोचना की और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से राज्य के किसानों की सुरक्षा के लिए तत्काल हस्तक्षेप करने का आग्रह किया।
चेन्नई, भाषा। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने धान खरीद के लिए नमी के मानदंडों में ढील देने के राज्य के अनुरोध को खारिज करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार की बृहस्पतिवार को आलोचना की और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से राज्य के किसानों की सुरक्षा के लिए तत्काल हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। स्टालिन ने सोशल मीडिया पर एक ‘पोस्ट’ में कहा कि केंद्र ने कावेरी डेल्टा और अन्य जिलों में भारी उत्तर-पूर्वी मानसूनी बारिश के मद्देनजर अधिक नमी वाले धान की खरीद की अनुमति देने के तमिलनाडु के अनुरोध को ठुकरा दिया है।
उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा मदुरै के अलावा कोयंबटूर के लिए मेट्रो रेल परियोजना से इनकार किए जाने के बाद बुधवार को ही प्रधानमंत्री ने कोयंबटूर में एक किसान सम्मेलन में भाग लिया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के दौरे के कुछ ही देर बाद ‘‘केंद्र की भाजपा सरकार ने धान खरीद में नमी के मानदंडों में ढील देने के हमारे अनुरोध को अस्वीकार कर दिया।’’ उन्होंने कहा कि राज्य सरकार चालू खरीफ विपणन सत्र के लिए धान में नमी की स्वीकार्य सीमा को मौजूदा 17 प्रतिशत से बढ़ाकर 22 प्रतिशत करने के लिए केंद्र पर दबाव बना रही है।
राज्य सरकार का तर्क है कि लगातार बारिश और उच्च आर्द्रता के कारण किसानों के लिए अपनी फसल को पूरी तरह से सुखाना मुश्किल हो रहा है। स्टालिन ने बताया कि तमिलनाडु में इस सत्र में धान की अच्छी फसल हुई है और मानदंडों में ढील देने से इनकार करने से वे किसान बुरी तरह प्रभावित होंगे जो पहले से ही प्रतिकूल मौसम की मार झेल रहे हैं। उन्होंने याद दिलाया कि अतीत में राज्य के अनुरोधों पर केंद्र ने धान खरीद के लिए नमी के मानदंडों में ढील दी थी और सवाल किया कि अब इसी तरह की रियायत देने से इनकार क्यों किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘अधिक नमी वाले धान की खरीद की अनुमति देने की तमिलनाडु की अपील प्रधानमंत्री के कानों तक क्यों नहीं पहुंच रही, किसानों की पीड़ा भरी आवाज क्यों अनसुनी हो रही है?’’ उन्होंने कहा कि इस निर्णय से कृषक समुदाय के प्रति चिंता का अभाव प्रकट होता है। स्टालिन ने कहा कि जिन किसानों की फसलें बेमौसम बारिश के कारण खराब हुई हैं, उन्हें न तो पर्याप्त मुआवजा दिया जा रहा है और न ही खरीद में नमी की उच्च सीमा की मामूली राहत दी जा रही है।
उन्होंने सवाल किया कि इस तरह के दृष्टिकोण को किसान-हितैषी कैसे कहा जा सकता है।द्रविड़ मुनेत्र कषगम के नेता ने अपनी मांग दोहराते हुए केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह नमी के मानदंडों पर अपने रुख पर तत्काल पुनर्विचार करे, तमिलनाडु के प्रस्तावों को पूरी तरह स्वीकार करे और ऐसे निर्णय की घोषणा करे जिससे राज्य भर के किसान और लोग आश्वस्त हो सकें।

