इंडिया एक्सपो मार्ट में आईएचजीएफ द्वारा आयोजित दिल्ली मेला में देश के हुनर को उत्पाद प्रदर्शन का मंच मिला
मेला सजावटी सामान और खास उत्पादों से सजा हुआ है। मेले से देश-प्रदेश की कारीगरों को अपने उत्पाद प्रदर्शित करने के लिए लोकप्रिय व महत्वपूर्ण मंच मिला।
नेशनल एक्सप्रेस ब्यूरो, नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा। नॉलेज पार्क स्थित इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में दिल्ली मेला (आईएचजीएफ) 2025 का आगाज हो गया। मेले का शुभारंभ यूपी सरकार में फिल्म विकास परिषद के उपाध्यक्ष तरुण राठी ने किया। मेला सजावटी सामान और खास उत्पादों से सजा हुआ है। मेले से देश-प्रदेश की कारीगरों को अपने उत्पाद प्रदर्शित करने के लिए लोकप्रिय व महत्वपूर्ण मंच मिला।
हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) द्वारा 13 से 17 अक्टूबर तक आयोजित होने वाला यह मेला 60वां संस्करण है। मेले में अलग-अलग जीवनशैली और रहने की जगहों के लिए तरह-तरह के उत्पाद पेश किए गए हैं। एक्सपो सेंटर के स्थायी और अस्थायी मिलाकर 16 हॉल में प्रदर्शनी लगाई है। इनमें 900 स्थायी शोरूम के मालिक और 2200 से अधिक प्रदर्शक भाग ले रहे हैं। मेले को होम, फैशन, लाइफस्टाइल, फर्निशिंग, फर्नीचर, इंटीरियर, टेक्सटाइल व लिनेन, गिफ्ट्स और प्रीमियम आदि श्रेणी में बांटा गया है। दीवाली, क्रिसमस और नववर्ष को देखते हुए सजावट के साथ किचन और डिनरवेयर, बाथरूम एक्सेसरीज के खास उत्पाद पेश किए गए हैं।
मेले के शुभारंभ के बाद देश की औद्योगिक नगरी मुंबई से पधारे भाजपा नेता मुख्य अतिथि तरुण राठी ने कहा कि अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के बीच ईपीसीएच ने आपदा को अवसर में बदला है। चीन से कारोबार बढ़ने से अनेक अवसर पैदा हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यूरोप और अमेरिका में ईपीसीएच के शोरूम शुरू होने से कारोबारियों, दुकानदारों और निर्यातकों को फायदा हो रहा है। यह हस्तशिल्प मेला विश्व के खरीदारों, डिजाइनरों और उद्योगों को कारोबार के लिए एक मंच दे रहा है। मेले में उन्होंने रूस और चीन के खरीदारों की सराहना करते हुए कहा कि भारत की तुलना में अमेरिका द्वारा चीन पर दोगुना टैरिफ लगाया गया है। इससे अमेरिकी खरीदार भारत से अपनी सोर्सिंग बढ़ाने के लिए प्रेरित हुए हैं, बल्कि यह भारतीय निर्यातकों के लिए चीन को एक महत्वपूर्ण बाजार के रूप में पूरा करने के व्यापक द्वार भी खोलता है।
रूसी संघ के उप-व्यापार आयुक्त डॉ. एवगेनी ग्रिविया ने कहा कि यह मेला हस्तशिल्प उद्योग को बढ़ावा देने का दोनों देशों के बीच एक अहम कड़ी साबित होगी। भारत और रूस पिछले 70 साल से आपस में व्यापारिक संबंध साझा करते हैं। उन्हें ओर मजबूत किया जा रहा है। इससे दोनों देशो के बीच द्विपक्षीय व्यापार को मजबूती मिलेगी।
प्रगति की लहर थीम पर सजाया गया एक्सपो मार्ट:
दिल्ली मेला के इस 60वें महोत्सव की थीम "प्रगति की लहर" रखी गई है। इसी डिजाइन पर एक्सपो मार्ट को भव्य तरीके से सजाया गया है, जो यहां आने वाले लोगों को आकर्षित कर रहा है।
पांच हजार से अधिक खरीदारों के आने की संभावना व्यक्त की गई है।
मेले में अर्जेंटिना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, डेनमार्क, रूस, इटली, मलेशिया, न्यूजीलैंड, कतर, सऊदी अनरब, दक्षिण अफ्रीका, बेल्जियम, कनाडा, चेक रिपब्लिक, हांगकांग, सिंगापुर, स्वीडन, स्पेन, यूनाइटेड किंगडम, वियतनाम, जिम्बावे और अमेरिका समेत 110 से अधिक देशों से खरीदारों के आने की उम्मीद है। आयोजकों का दावा है कि मेले में देश व विदेश के मिलाकर 5000 से अधिक खरीदार आएंगे।
16 को मंथन बैठक होगी :
पांच दिवसीय भारतीय हस्तशिल्प उपहार मेला के दौरान 16 अक्टूबर को मंथन बैठक होगी। इस बैठक में नए बाजार की तलाश सहित कारोबार बढ़ाने के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। युवाओं को भी कारोबार से जोड़ने का काम किया जा रहा है। अब तक 700 युवाओं को जोड़ा गया है।
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गंगा में चढ़ाए गए फूलों से शुरू किया कारोबार
ग्रेटर नोएडा। प्रयागराज की एक बेटी ने भारत सरकार के गंगा नदी को स्वच्छ बनाने के अभियान को कारोबार में बदल दिया। गंगा नदी में चढ़ाए गए फूलों से कपड़ों पर छपाई का व्यवसाय शुरू कर देश-विदेशों में अपनी पहचान बनाई।
ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट सेंटर में शुरू हुए दिल्ली फेयर में प्रयागराज की सौम्या सिंह ने अपना स्टॉल लगाया है। उन्होंने बताया कि वह टेक्सटाइल में मास्टर डिग्री कर रही है। पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने अपना व्यवसाय शुरू किया है। वह गंगा नदी में चढ़ाए गए फूलों को निकालकर कपड़ों पर छपाई का व्यवसाय करती हैं। फूलों से कुर्ती, साड़ी, जैकेट, पर्दे आदि पर छपाई की जाती है।
ताइवान से ऑर्डर मिले: सौम्या ने बताया कि फूलों छपाई से तैयार किए गए उनके कपड़े देश के अलावा विदेश में भी पसंद किए जाने लगे हैं। पिछले दिनों उन्हें ताइवान सहित कई अन्य देशों से कुछ आर्डर मिले हैं। एक्सपो सेंटर में हाल ही में लगे यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में भी उनके कपड़े काफी पसंद किए गए थे।
महिलाओं को रोजगार दे रही: सौम्या ने बताया कि उनके व्यवसाय में 8 से 10 महिलाएं जुड़ी हुई हैं। दूसरी महिलाओं को रोजगार देकर आत्मनिर्भर बना रही हैं। व्यवसाय में जुड़ी महिलाएं बांस से बने कपड़ों पर फूलों की छपाई करती हैं। इनका रंग आसानी से नहीं छूटता है। यह कपड़े पूर्णतः इको फ्रेंडली होते हैं।
मंदिर में चढ़े फूलों से धूपबत्ती बना रहीं: एक्सपो मार्ट सेंटर में शुरू हुए हस्तशिल्प मेले में गुरुग्राम की एक महिला पूनम ने भी अपना एक स्टॉल लगाया है। महिला पूनम ने बताया कि वह मंदिर में चढ़े फूलों को इकट्ठा कर उनसे अगरबत्ती धूपबत्ती बना रही है। अगरबत्ती और धूपबत्ती की खुशबू विदेश में भी महक रही है। महिला ने बताया कि उनके इस काम में अन्य महिलाएं भी शामिल हैं।

