मुजफ्फरनगर में रेड कैटेगरी के उद्योगों पर प्रदूषण, बोर्ड की कार्रवाई, 15 दिन में चिमनी पर लगवाने होंगे ऑटोमेटिक मॉनिटरिंग सिस्टम

नेशनल एक्सप्रेस डिजिटल डेस्क
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पर्यावरण प्रदूषण पर अंकुश लगाने के मद्देनजर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) ने जिले के रेड श्रेणी (Red Category) में शामिल सभी औद्योगिक इकाइयों पर शिकंजा कस दिया है। बोर्ड

नेशनल एक्सप्रेस, मुजफ्फरनगर (कोसर चौधरी)। पर्यावरण प्रदूषण पर अंकुश लगाने के मद्देनजर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) ने जिले के रेड श्रेणी (Red Category) में शामिल सभी औद्योगिक इकाइयों पर शिकंजा कस दिया है। बोर्ड के मुजफ्फरनगर कार्यालय ने इन फैक्टरियों को नोटिस जारी कर 15 दिनों के भीतर अपनी-अपनी चिमनियों पर ऑटोमेटिक एमिशन कंटिन्यूअस मॉनिटरिंग सिस्टम (CEMS) लगाने का कड़ा आदेश दिया है।

साथ ही राख प्रबंधन (Ash Management) को लेकर भी दिशा-निर्देश जारी किए हैं।क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी (आरओ) गीतेश चंद्रा द्वारा जारी इस नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि यदि निर्धारित समयसीमा में इन नियमों का पालन नहीं किया जाता है, तो संबंधित इकाइयों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसमें भारी जुर्माना लगाना और फैक्ट्री सील करने तक की कार्रवाई शामिल हो सकती है। यह कदम जिले में बढ़ते वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए उठाया गया है।

क्या काम करेगा नया सिस्टम?

ऑटोमेटिक एमिशन कंटिन्यूअस मॉनिटरिंग सिस्टम (CEMS) एक ऐसी तकनीक है जो फैक्ट्रियों की चिमनियों से निकलने वाले प्रदूषकों (जैसे पार्टिकुलेट मैटर, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड) के स्तर की वास्तविक समय (Real Time) में निगरानी करेगा। यह सिस्टम प्रदूषण के आंकड़े सीधे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सर्वर पर पहुंचाएगा, जिससे उद्योगों द्वारा प्रदूषण मानकों का पालन करने में कोई चूक न हो सके।

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रेड श्रेणी में किन उद्योगों को किया गया है शामिल?

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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा तय मानकों के अनुसार, रेड श्रेणी में वे उद्योग आते हैं जिनसे पर्यावरण को सबसे अधिक खतरा रहता है। मुजफ्फरनगर जिले में मुख्य रूप से निम्नलिखित उद्योग इसी श्रेणी में शामिल हैं:

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· शुगर मिल्स एवं डिस्टिलरीज: चीनी बनाने वाले कारखाने और शराब की भट्टियां।

· पेपर मिल्स: कागज निर्माण इकाइयां।

· सीमेंट प्लांट: सीमेंट के कारखाने।

· केमिकल/फर्टिलाइजर प्लांट: रसायन और उर्वरक बनाने वाले संयंत्र।

· डाई-इंटरमीडिएट्स/पेंट फैक्ट्री: रंग और उनके कच्चे माल का उत्पादन।

· फार्मास्यूटिकल्स इंडस्ट्री: दवा निर्माण संयंत्र।· मेटल प्रोसेसिंग/फाउंड्री: लोहा सहित अन्य धातुओं की गलाने, प्रोसेसिंग और ढलाई की फैक्ट्रियां।

· ताप विद्युत संयंत्र (थर्मल पावर प्लांट): कोयले से बिजली बनाने वाले संयंत्र, जहां राख की मात्रा सबसे अधिक होती है।

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