ए.आई.और रोबोटिक तकनीक से बदलेगा सर्जरी का भविष्य — अब सात समंदर पार बैठा डॉक्टर भी कर सकेगा ऑपरेशन
कानपुर,गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज में आयोजित यूपीए शिकान 2025 के तीसरे दिन देशभर से आए विशेषज्ञ डॉक्टरों ने आधुनिक सर्जरी तकनीक और स्वास्थ्य क्षेत्र में तेजी से हो रहे।
नेशनल एक्सप्रेस, कानपुर। गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज में आयोजित यूपीए शिकान 2025 के तीसरे दिन देशभर से आए विशेषज्ञ डॉक्टरों ने आधुनिक सर्जरी तकनीक और स्वास्थ्य क्षेत्र में तेजी से हो रहे तकनीकी बदलावों पर अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम में आगरा, लखनऊ और अलीगढ़ से पहुंचे विशेषज्ञों ने बताया कि आने वाले समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक सर्जरी चिकित्सा जगत में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली हैं, जिनसे स्वास्थ्य सेवाएं गांव-गांव तक पहुंच सकेंगी।
सात समंदर पार से होगी सर्जरी
आगरा के एसआर मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर अंकुर बंसल ने बताया कि अब ऐसी तकनीक विकसित हो चुकी है जिससे सात समंदर पार बैठा डॉक्टर भी किसी छोटे जिले या गांव में मौजूद मरीज की सर्जरी कर सकेगा।उन्होंने कहा कि फिलहाल भारत में यह तकनीक सीमित स्तर पर इस्तेमाल हो रही है, लेकिन आने वाले वर्षों में यह सामान्य चिकित्सा पद्धति का हिस्सा बन जाएगी।
ए.आई. देगा रियल टाइम अलर्ट।डॉ. बंसल ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह ऑपरेशन या जांच के दौरान गलती होने पर तुरंत अलर्ट कर देता है, जिससे सर्जरी की सटीकता और मरीज की सुरक्षा दोनों बढ़ जाती हैं।कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने कहा कि आधुनिक तकनीक का समुचित उपयोग देश के ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगा।
तीसरे दिन लखनऊ के KGMU के डॉक्टर अवनीश कुमार ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी में रोबोट सिर्फ असिस्टेंट की भूमिका निभाता है, जबकि असली ऑपरेशन डॉक्टर ही करते हैं। डॉक्टर ऑपरेशन थिएटर में कंट्रोल सिस्टम पर बैठकर रोबोट को संचालित करते हैं।उन्होंने कहा कि रोबोटिक सर्जरी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि मशीन के हाथों में कंपन नहीं होता, जिससे ऑपरेशन की सटीकता कई गुना बढ़ जाती है।
जिन जगहों पर डॉक्टर का हाथ सर्जरी के दौरान नहीं पहुंच पाता, वहां रोबोट आसानी से काम कर लेता है।डॉ. अवनीश ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन के दौरान रोबोट को कभी पूरी कमान नहीं दी जाती, हर निर्णय डॉक्टर का ही होता है। यह तकनीक सिर्फ डॉक्टर की मदद के लिए विकसित की गई है, ताकि जटिल सर्जरी भी सुरक्षित और सफलतापूर्वक की जा सके।
एंडोस्कोपी जैसी जांचों में अब ए आई तकनीक यह पहचान सकती है कि मरीज के शरीर के किस हिस्से में समस्या है और डॉक्टर को तुरंत सूचना दे देती है — जिससे इलाज और अधिक प्रभावी हो गया है।

