फर्जी बिल ट्रेडिंग : करोड़ों की जीएसटी चोरी मामले में SIT ने गैंग के मुख्य आरोपी को किया गिरफ्तार
पुलिस टीम ने उसके कब्जे से एक मोबाइल फोन, सिम कार्ड, तीन लैपटॉप, पैन कार्ड, 15 डेबिट,क्रेडिट कार्ड और चार चेक बरामद किए हैं।जीएसटी सहायक आयुक्त, राज्य कर सचल दल इकाई द्वितीय एवं पंचम ने थाना सिविल लाइन्स में तहरीर देकर बताया था कि ए.के. इंटरप्राइजेज और सौरभ इंटरप्राइजेज के नाम से आयरन स्क्रैप की बिलिंग हो रही थी।
नेशनल एक्सप्रेस संवाददाता, मुरादाबाद। राजस्व को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुँचाने वाले फर्जी बिल ट्रेडिंग और बोगस फर्मों के गिरोह पर एसआईटी अपराध शाखा मुरादाबाद ने बड़ी कार्रवाई करते हुए गैंग के मुख्य आरोपी सुमित कुमार को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस टीम ने उसके कब्जे से एक मोबाइल फोन, सिम कार्ड, तीन लैपटॉप, पैन कार्ड, 15 डेबिट,क्रेडिट कार्ड और चार चेक बरामद किए हैं।जीएसटी सहायक आयुक्त, राज्य कर सचल दल इकाई द्वितीय एवं पंचम ने थाना सिविल लाइन्स में तहरीर देकर बताया था कि ए.के. इंटरप्राइजेज और सौरभ इंटरप्राइजेज के नाम से आयरन स्क्रैप की बिलिंग हो रही थी। जांच में सामने आया कि पंजीकृत मोबाइल नंबर पर 124 फर्में दर्ज थीं, जिनमें से सभी फर्में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनाई गई थीं। मामले में मुकदमा पंजीकृत किया गया।
उच्चाधिकारियों के निर्देश पर एसपी अपराध के पर्यवेक्षण और सीओ अपराध के नेतृत्व में गठित एसआईटी ने तकनीकी जांच शुरू की।इस मामले में एसआइटी टीम पहले दो आरोपी आरोपी इखलाक मलिक और इत्तेफाक आलम उर्फ दानिश कबाड़ी को 22 नवंबर को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। अब गुरुवार को मुख्य आरोपी सुमित कुमार, निवासी स्वरूप नगर, नार्थ वेस्ट दिल्ली को भी एसआइटी की टीम ने दबोच लिया है।
आरोपी सुमित ने पुलिस को बताया कि 2020–23 तक एक सीए के यहां उसने जीएसटी अकाउंटिंग का काम सीखा था। अधिक पैसे के लालच में उसने 2024 से फर्जी फर्म बनानी शुरू कर दीं। ऑनलाइन लोन,जॉब के नाम पर लोगों के आधार, पैन और फोटो लेकर वह फर्जी रेंट एग्रीमेंट व बिजली बिल तैयार करता और जीएसटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर देता था। वह अब तक 500 से अधिक फर्जी फर्में बना चुका है। ए.के. इंटरप्राइजेज की जीएसटी आईडी भी उसने तैयार कर इखलाक मलिक को बेचने की बात स्वीकारी है। पुलिस टीम द्वारा इस मामले में आगे की जांच व विधिक कार्रवाई जारी है।

