सीबीआई ने 1989 में रुबैया सईद के अपहरण मामले में एक ‘भगोड़े’ को गिरफ्तार किया
सीबीआई ने 1989 में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के सनसनीखेज अपहरण के सिलसिले में 10 लाख रुपये के इनामी एक “भगोड़े” को सोमवार को गिरफ्तार किया।
नयी दिल्ली/श्रीनगर, भाषा। सीबीआई ने 1989 में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के सनसनीखेज अपहरण के सिलसिले में 10 लाख रुपये के इनामी एक “भगोड़े” को सोमवार को गिरफ्तार किया। उसे प्रतिबंधित जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) आतंकवादी समूह के सदस्यों द्वारा रची गई साजिश का कथित तौर पर हिस्सा होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। शफात अहमद शांगलू नामक व्यक्ति कथित तौर पर जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक का करीबी विश्वासपात्र है। सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा, “उक्त आरोपित शांगलू ने 1989 में रणबीर दंड संहिता और टाडा अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत अपराध को अंजाम देने में यासीन मलिक और अन्य के साथ मिलकर साज़िश रची थी।”
उन्होंने कहा, “भगोड़े पर 10 लाख रुपये का इनाम है। उसे कानून के अनुसार निर्धारित समय के भीतर टाडा अदालत जम्मू में पेश किया जाएगा।” अधिकारियों के अनुसार, शांगलू कथित तौर पर प्रतिबंधित आतंकवादी समूह का पदाधिकारी था और संगठन के वित्त का प्रबंधन करता था। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए श्रीनगर के निशात इलाके में स्थित शांगलू के आवास से उसे गिरफ्तार किया। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालती सुनवाई में भाग ले रहे मलिक की पहचान रुबैया सईद सहित प्रत्यक्षदर्शियों ने की है। आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में सजा काट रहे जेकेएलएफ प्रमुख को गृह मंत्रालय के आदेश के कारण अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं किया जा रहा है, क्योंकि उसके आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
अदालती सुनवाई के दौरान सईद ने मलिक के अलावा चार अन्य आरोपियों की पहचान की थी जो इस जघन्य अपराध में शामिल थे। आठ दिसंबर 1989 को श्रीनगर के एल. डी. अस्पताल के पास से रुबैया सईद का अपहरण कर लिया गया था। केंद्र की तत्कालीन भाजपा समर्थित वी.पी. सिंह सरकार द्वारा पांच आतंकवादियों को रिहा किये जाने पर अपहरण के पांच दिन बाद रुबैया को रिहा कर दिया गया था। सईद अब तमिलनाडु में रहती हैं। वह सीबीआई की अभियोजन पक्ष की गवाह हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी ने 1990 के दशक की शुरुआत में इस मामले को अपने हाथ में लिया था। अपहरण मामले में मुख्य आरोपी यासीन मलिक (56) मई 2023 में एक विशेष एनआईए अदालत द्वारा आतंकी-वित्तपोषण मामले में सजा सुनाए जाने के बाद तिहाड़ जेल में बंद है।

