श्रीजन कार्यशाला : दिव्यांग कलाकारों की प्रतिभा को मिला सम्मान
कोयला एवं खान राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे, सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकर राज्य मंत्री बीएल वर्मा, दिल्ली सरकार के कानून एवं न्याय मंत्री कपिल मिश्रा, दिल्ली के सामाजिक कल्याण मंत्री रविंदर सिंह (इंद्राज), स्पेशल ओलंपिक्स भारत की अध्यक्ष मल्लिका नड्डा व कार्यक्रम समन्वयक और स्पेशल ओलंपिक उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष मुकेश शुक्ला ने की दिव्यांग बच्चों की सराहना।
नई दिल्ली, नेशनल एक्सप्रेस ब्यूरो। विश्व विकलांगता सप्ताह के अवसर पर सिटिजन्स फॉर वेलफेयर स्टेट (सीडब्ल्यूएस) और स्पेशल ओलंपिक्स भारत, उत्तर प्रदेश द्वारा राष्ट्रीय आधुनिक कला दीर्घा (एनजीएमए) के सहयोग से आयोजित 'श्रीजन' कला एवं शिल्प कार्यशाला का चौथा संस्करण 1 दिसंबर को एनजीएमए, इंडिया गेट पर संपन्न हुआ। कार्यशाला में दिव्यांग कलाकारों ने प्रसिद्ध कलाकारों के मार्गदर्शन में अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन किया, जिससे समावेशिता और सशक्तिकरण को बढ़ावा मिला।

उद्घाटन में मुख्य अतिथि कोयला एवं खान राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने कहा, दिव्यांग कलाकारों द्वारा प्रदर्शित रचनात्मकता उनकी असाधारण प्रतिभा और दृढ़ संकल्प का प्रमाण है। ऐसी कार्यशालाएं समावेशी और सशक्त समाज बनाने की हमारी सामूहिक जिम्मेदारी को मजबूत करती हैं।

समापन समारोह में मुख्य अतिथि सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकर राज्य मंत्री बीएल वर्मा ने सराहना की। उन्होंने कहा, कला में हर व्यक्ति को गरिमा, आत्मविश्वास और अवसर प्रदान करने की शक्ति है। मैं सीडब्ल्यूएस, स्पेशल ओलंपिक्स भारत और एनजीएमए की सराहना करता हूं कि उन्होंने एक ऐसा मंच बनाया जहां दिव्यांग कलाकार बढ़ सकें और चमक सकें।
सम्मानित अतिथि दिल्ली सरकार के कानून एवं न्याय मंत्री कपिल मिश्रा कहा, नई दिल्ली को इस उल्लेखनीय आयोजन की मेजबानी करने पर गर्व है जो रचनात्मकता को सामाजिक उद्देश्य के साथ जोड़ता है। दिव्यांग समुदाय की कलात्मक भावना हमें समावेशिता की दिशा में और कठिन परिश्रम करने के लिए प्रेरित करती है।
दिल्ली के सामाजिक कल्याण मंत्री रविंदर सिंह (इंद्राज) ने जोर दिया कि सशक्तिकरण तब शुरू होता है जब हम हर व्यक्ति को खुद को अभिव्यक्त करने का स्थान देते हैं। आज की कार्यशाला दर्शाती है कि सार्थक अवसर जीवन कैसे बदल सकते हैं।

स्पेशल ओलंपिक्स भारत की अध्यक्ष मल्लिका नड्डा ने अध्यक्षता की और कहा, हमारे दिव्यांग कलाकार लचीलापन, कल्पना और उत्कृष्टता का प्रतिनिधित्व करते हैं। श्रीजन केवल एक कार्यशाला नहीं है—यह एक आंदोलन है जो एक ऐसी दुनिया बनाने की दिशा में है जहां हर व्यक्ति अपनी क्षमताओं के लिए मूल्यवान और सम्मानित हो।

कार्यक्रम समन्वयक और स्पेशल ओलंपिक उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष मुकेश शुक्ला ने कहा, श्रीजन का चौथा संस्करण हमें दिखाता है कि दिव्यांग कलाकार चुनौतियों से सीमित नहीं होते—वे रचनात्मकता, शक्ति और असाधारण प्रतिभा से ऊपर उठते हैं। यह केवल कला नहीं; दृढ़ संकल्प, गरिमा और समावेशिता की सच्ची भावना है। श्रीजन हमारी प्रतिबद्धता है कि हर दिव्यांग कलाकार को सीखने, अभिव्यक्त करने का मंच मिले। मैं सभी को धन्यवाद देता हूं और प्रतिभागियों को बधाई देता हूं—आपकी जुनून हमें देशभर में श्रीजन विस्तार करने के लिए प्रेरित करती है।

