अंतरराष्ट्रीय पुस्तक महोत्सव, अहमदाबाद में भारतीय डाक विभाग का स्टॉल बना आकर्षण का केंद्र

नेशनल एक्सप्रेस डिजिटल डेस्क
On

अहमदाबाद में 13 नवंबर से 23 नवंबर 2025 तक आयोजित 'अंतरराष्ट्रीय पुस्तक महोत्सव' ज्ञान, साहित्य और संस्कृति का अद्भुत संगम बन गया है।

अहमदाबाद। अहमदाबाद में 13 नवंबर से 23 नवंबर 2025 तक आयोजित 'अंतरराष्ट्रीय पुस्तक महोत्सव' ज्ञान, साहित्य और संस्कृति का अद्भुत संगम बन गया है। जहाँ एक ओर पुस्तकप्रेमी पुस्तकों के माध्यम से नई जानकारियाँ अर्जित कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भारतीय डाक विभाग का स्टॉल लोगों को डाक टिकटों के माध्यम से भारत की कला, संस्कृति, इतिहास, शिक्षा और विरासत की विविधता से परिचित करा रहा है।

भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अधीन नेशनल बुक ट्रस्ट एवं अहमदाबाद नगर निगम के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस पुस्तक महोत्सव में डाक विभाग का स्टॉल नंबर 95 विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है, जहाँ निरंतर आगंतुकों की भीड़ उमड़ रही है। उत्तर गुजरात परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने भी पुस्तक महोत्सव का दौरा किया अहमदाबाद में 13 नवंबर से 23 नवंबर 2025 तक आयोजित 'अंतरराष्ट्रीय पुस्तक महोत्सव' ज्ञान, साहित्य और संस्कृति का अद्भुत संगम बन गया है।

बताया कि भारतीय डाक स्टॉल पर पार्सल, स्पीड पोस्ट, ज्ञान पोस्ट, पार्सल पैकेजिंग सर्विस, फिलेटली, माई स्टैम्प, गंगा जल, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के माध्यम से डिजिटल बैंकिंग इत्यादि सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं। पुस्तक प्रेमी और प्रकाशक डाक स्टॉल के माध्यम से देश-विदेश में कहीं भी पुस्तकें भेज सकते हैं। इसके अलावा डाकघर बचत सेवाएँ, डाक जीवन बीमा की सुविधा भी उपलब्ध है।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि पुस्तक महोत्सव पुस्तकों के प्रति रुचि बढ़ाने के साथ विभिन्न आयु वर्ग के पाठकों, लेखकों और प्रकाशकों को एक मंच पर जोड़कर साहित्यिक संवाद और सहयोग को नई दिशा प्रदान करता है। वहीं फिलेटली प्रेमियों और संग्राहकों के लिए डाक स्टॉल एक अनोखा अवसर प्रदान कर रहा, जहाँ वे न केवल नई सामग्री का अवलोकन कर सकते हैं, बल्कि डाक टिकटों के माध्यम से भारत की विविध सांस्कृतिक परंपराओं और ऐतिहासिक धरोहर से भी परिचित हो सकेंगे।

Read More सोनम कपूर और आनंद आहूजा दोबारा बनने वाले हैं माता-पिता

साहित्य, कला और संस्कृति से जोड़ने में पुस्तकों व डाक टिकटों की अहम भूमिका है। गुजरात पर आधारित 'माई स्टैम्प' के प्रति लोगों में काफी उत्साह देखा जा रहा है, जिसमें गाँधी आश्रम, साबरमती स्थित महात्मा गाँधी, पतंग उत्सव और डांडिया नृत्य की डाक टिकट थीम शामिल है।

Read More बांग्लादेश में हसीना पर फैसले के बाद स्थिति शांत लेकिन तनावपूर्ण, अवामी लीग ने किया बंद का आह्वान

बच्चों व युवाओं के लिए यह अनुभव अत्यंत ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक सिद्ध हो रहा है, क्योंकि डाक टिकट राष्ट्र के इतिहास, संस्कृति और महत्वपूर्ण घटनाओं को सहज, रोचक और शिक्षाप्रद तरीके से प्रस्तुत करते हैं। यह स्टॉल पुस्तक महोत्सव के सांस्कृतिक माहौल को और भी समृद्ध और जीवंत बना रहा है।

Read More ठाणे में एक बुजुर्ग महिला से 24 लाख रुपये की ठगी, सात लोगों पर मामला दर्ज

अहमदाबाद मंडल के प्रवर अधीक्षक डाकघर श्री शिशिर कुमार ने बताया कि यहाँ लोग पुस्तक महोत्सव से ही अपनी पसंदीदा पुस्तकें अपने प्रियजनों तक पहुँचाने का आनंद उठा रहे हैं। यहाँ विभिन्न प्रकार के डाक टिकट, विशेष आवरण, रामायण डाक टिकट, श्री राम जन्मभूमि मंदिर पर आधारित खुशबूदार डाक टिकट सेट, खादी पोस्टकार्ड, सौराष्ट्र-कच्छ आधारित पिक्चर पोस्टकार्ड, ओलम्पिक आधारित डाक टिकट, वर्णमाला फिलेटली पुस्तकें, कॉफी मग, टी शर्ट सहित तमाम फिलेटलिक उत्पादों का प्रदर्शन किया गया है।

मात्र ₹300 शुल्क में 12 डाक टिकटों की एक माई स्टैम्प शीट तैयार की जाती है, जो जन्मदिन, विवाह वर्षगाँठ, शुभ विवाह, रिटायरमेंट अथवा अन्य यादगार पलों के लिए एक अनोखा और विशेष स्मृति-उपहार बन जाती है। पुस्तक मेला भ्रमण के बाद लेटर बॉक्स के माध्यम से बच्चों द्वारा अपने अनुभवों को सहेजते हुए पत्र भेजने की सुविधा भी यहाँ उपलब्ध है।

संबंधित समाचार