विराट श्री बालाजी महोत्सव के पंचम दिवस हनुमंत कथा से गूंजा गुलजारीमल धर्मशाला
रूद्रपुर स्थित सिद्धेश्वर श्री बालाजी मंदिर एवं मुरादाबाद के संकट हरण श्री बालाजी दरबार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित विराट श्री बालाजी महोत्सव अपने भव्य, दिव्य और भक्तिमय स्वरूप के साथ निरंतर आगे बढ़ रहा है।
नेशनल एक्सप्रेस, मुरादाबाद। रूद्रपुर स्थित सिद्धेश्वर श्री बालाजी मंदिर एवं मुरादाबाद के संकट हरण श्री बालाजी दरबार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित विराट श्री बालाजी महोत्सव अपने भव्य, दिव्य और भक्तिमय स्वरूप के साथ निरंतर आगे बढ़ रहा है। महोत्सव के पंचम दिवस मंगलवार को गुलजारीमल धर्मशाला में आयोजित हनुमंत कथा के अवसर पर श्रद्धा और भक्ति का अनुपम संगम देखने को मिला। शाम होते ही श्रद्धालुओं का आवागमन प्रारंभ हो गया, जिससे पूरा परिसर “जय श्रीराम” और “जय हनुमान” के जयघोष से गुंजायमान हो उठा,हनुमंत कथा के दौरान कथा व्यास आचार्य बृजराज अभिषेक वशिष्ठ ने श्री हनुमान जी महाराज के दिव्य चरित्र और उनके अद्भुत पराक्रम का भावपूर्ण वर्णन किया।
उन्होंने बताया कि किस प्रकार प्रभु श्रीराम के नाम और कृपा से हनुमान जी ने लंका जाकर समुद्र लांघा, अशोक वाटिका का दहन किया और प्रभु श्रीराम के काज को सफल बनाया। कथा व्यास ने कहा कि हनुमान जी की संपूर्ण शक्ति और सामर्थ्य प्रभु श्रीराम के नाम में निहित है। वे स्वयं कुछ नहीं करते, बल्कि प्रभु राम की आज्ञा और कृपा से ही सभी कार्य संपन्न होते हैं,आचार्य बृजराज अभिषेक वशिष्ठ ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि यदि भक्त सच्चे मन से हनुमान जी की शरण में जाते हैं तो प्रभु श्रीराम की कृपा सहज रूप से प्राप्त होती है।
हनुमान जी भक्ति, सेवा, समर्पण और विश्वास के प्रतीक हैं। उनका जीवन हमें सिखाता है कि अहंकार त्यागकर प्रभु की सेवा में स्वयं को समर्पित कर देने से ही जीवन सार्थक बनता है। इस दिव्य प्रसंग को सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे और वातावरण पूर्णतः भक्तिमय बन गया,कार्यक्रम के दौरान उपस्थित श्रद्धालुओं ने भजनों और जयकारों के माध्यम से अपनी आस्था प्रकट की। इस अवसर पर पूज्य महंत रमेश वशिष्ठ, नरेश अरोड़ा, शुभम वशिष्ठ, अनुराग, शिवम उपाध्याय, ललित, मनीष, राकेश रस्तोगी, दीपक कश्यप, राकेश, गोपाल सहित अनेक गणमान्य नागरिकों की विशेष उपस्थिति रही।

