राम जन्मभूमि आंदोलन में शामिल रहे राम विलास वेदांती के पार्थिव शरीर को सरयू नदी में जल समाधि दी गई

नेशनल एक्सप्रेस डिजिटल डेस्क
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अयोध्या में राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख नेता रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद राम विलास वेदांती के पार्थिव शरीर को मंगलवार को अयोध्या में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच सरयू नदी में जल समाधि दी गई।

अयोध्या (उप्र), भाषा। अयोध्या में राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख नेता रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद राम विलास वेदांती के पार्थिव शरीर को मंगलवार को अयोध्या में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच सरयू नदी में जल समाधि दी गई। इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को अयोध्या पहुंचकर डॉ. रामविलास वेदांती को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा, “वेदांती जी महाराज भौतिक रूप से आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका संपूर्ण जीवन राम काज को समर्पित रहा।” डॉ. वेदांती का एक दिन पहले निधन हो गया था। डॉ वेदांती की अंतिम यात्रा अयोध्या स्थित उनके आवास से शुरू हुई और शहर के भ्रमण के लिए आगे बढ़ी। यह यात्रा जानकी महल से होते हुए मुख्य सड़क पर पहुंची।

राम पथ पर मंदिरों के बाहर से राम मंदिर और हनुमानगढ़ी के दर्शन किए गए। इसके बाद अंतिम यात्रा सरयू नदी के तट स्थित तुलसीदास घाट पहुंची, जहां वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उनके पार्थिव शरीर को जल समाधि दी गई। वेदांती के पार्थिव शरीर को 25-25 किलो रेत से भरी चार बोरियों से बांधा गया। फिर पार्थिव शरीर को सरयू नदी के मध्य में विसर्जित किया गया। इससे पहले, अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव शरीर को अयोध्या स्थित उनके आवास पर रखा गया था। मुख्यमंत्री योगी, मंत्री सूर्य प्रताप शाही और भाजपा नेता बृजभूषण सिंह सहित कई अन्य लोगों ने वेदांती के आवास पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

इसके अलावा, देश भर से संत भी उनके अंतिम दर्शन के लिए अयोध्या पहुंचे। इससे पहले मुख्यमंत्री ने वशिष्ठ आश्रम के संत डॉ. वेदांती को पुष्पांजलि अर्पित की। आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘आज श्री अयोध्या धाम में पूर्व सांसद एवं वशिष्ठ आश्रम के पूज्य संत, ब्रह्मलीन डॉ. रामविलास वेदांती जी महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की।’’ उन्होंने लिखा, ‘‘राम काज व राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित उनका संपूर्ण त्यागमय जीवन हम सभी के लिए सदैव स्मरणीय और प्रेरणाप्रद रहेगा। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान प्रदान करें।’’ अधिकारियों के अनुसार, अयोध्या दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर और हनुमानगढ़ी मंदिर में भी पूजा-अर्चना की।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने मंगलवार को अयोध्या स्थित हिंदू धाम आश्रम पहुंचकर वेदांती के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा, “वेदांती जी महाराज भौतिक रूप से आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका संपूर्ण जीवन अयोध्या धाम के विकास और रामलला के भव्य मंदिर निर्माण को समर्पित रहा।” आदित्यनाथ ने वेदांती के योगदान को याद करते हुए कहा कि श्री राम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन के प्रारंभिक दौर से लेकर उसके मूर्त रूप लेने और आंदोलन के सफल परिणाम को देखने का सौभाग्य उन्हें प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि 25 नवंबर को श्री राम जन्मभूमि पर निर्मित भव्य मंदिर पर धर्म ध्वजारोहण के समारोह में भी वेदांती की उपस्थिति रही और यह उनके समर्पण व निरंतर सहभागिता का स्पष्ट प्रमाण है।

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योगी ने कहा कि वर्ष 1983 में श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति अभियान के आरंभ से लेकर अब तक आयोजित प्रत्येक आंदोलन और कार्यक्रम में वेदांती की सक्रिय भूमिका रही। गोरक्षपीठाधीश्वर आदित्यनाथ ने कहा कि गोरक्षपीठ से वेदांती का अत्यंत निकट और आत्मीय संबंध रहा। डॉ. रामविलास वेदांती (67) का सोमवार को मध्य प्रदेश के रीवा जिले के एक अस्पताल में निधन हो गया था। अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उनका रीवा में उपचार किया जा रहा था। अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि अस्पताल में भर्ती होने के समय उन्हें रक्त विषाक्तता (सेप्टीसीमिया) की थी, जो अत्यधिक फैल चुकी थी और इसके कारण उनके अंगों ने काम करना बंद कर दिया था।

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श्रीराम जन्मभूमि न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष रहे डॉ. वेदांती का जन्म सात अक्टूबर 1958 को रीवा जिले के गुढ़वा (गुढ़) में हुआ था। वह लंबे समय तक श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े रहे और अयोध्या में रहकर आंदोलन का नेतृत्व किया। वह उत्तर प्रदेश के मछलीशहर (1996 से 1998) और प्रतापगढ़ (1998 से 1999) से लोकसभा सदस्य रहे। वेदांती के उत्तराधिकारी महंत राघवेश दास ने बताया कि वेदांती अयोध्या में हिंदू धाम नया घाट पर रहते थे और ‘वशिष्ठ भवन’ नाम से उनका एक आश्रम भी है।

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