केरल : अभिनेत्री के यौन उत्पीड़न मामले में छह लोगों को 20 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई गई

नेशनल एक्सप्रेस डिजिटल डेस्क
On

केरल की एक अदालत ने 2017 में एक अभिनेत्री के यौन उत्पीड़न मामले में दोषी पाए गए छह लोगों को शुक्रवार को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।

कोच्चि, भाषा। केरल की एक अदालत ने 2017 में एक अभिनेत्री के यौन उत्पीड़न मामले में दोषी पाए गए छह लोगों को शुक्रवार को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।आठ दिसंबर को अदालत ने मामले में अभिनेता दिलीप समेत चार आरोपियों को बरी कर दिया था।अभियोजन पक्ष ने कहा कि यह अपराध के लिए दी गई ‘‘सबसे कम सजा’’ है और इसके खिलाफ अपील की जाएगी।एर्णाकुलम जिला एवं प्रधान सत्र न्यायालय के न्यायाधीश हनी एम वर्गीस ने सुनील एनएस उर्फ ​​पल्सर सुनी, मार्टिन एंटनी, मणिकंदन बी, विजयेश वीपी, सलीम एच और प्रदीप को सामूहिक बलात्कार के अपराध के लिए 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई।

अदालत ने अन्य अपराधों के लिए भी कारावास का आदेश दिया, लेकिन वे सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।अदालत ने पीड़िता को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने और यौन उत्पीड़न के वीडियो वाली पेन ड्राइव को जांच अधिकारी के कब्जे में रखने का भी आदेश दिया।आरोपियों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120(बी) (आपराधिक षड्यंत्र), धारा 342 (बंधक बनाना), धारा 354(बी) (महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), धारा 354 (महिला की गरिमा भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), धारा 357 (किसी व्यक्ति को गलत तरीके से कैद करने के प्रयास में हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), धारा 366 (अपहरण), धारा 376(डी) (सामूहिक बलात्कार), और आईटी अधिनियम की धाराओं के तहत दोषी पाया गया।

सजा सुनाने से पहले अदालत ने कहा कि वह पीड़िता और समाज पर अपराध के प्रभाव को ध्यान में रख रही है। अदालत के अनुसार, वह अपराध का कृत्य, आरोपी के सुधरने की संभावना और सजा के उद्देश्यों पर भी विचार करती है।शुरुआती सुनवाई में अदालत ने सजा की अवधि पर दोषियों, उनके वकीलों और अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनीं।दोषियों ने पारिवारिक और स्वास्थ्य संबंधी स्थितियों का हवाला देते हुए नरमी बरतने की अपील की। मार्टिन और प्रदीप अदालत में फूट-फूटकर रो पड़े और उन्होंने निर्दोष होने का दावा करते हुए कहा कि वे अपने परिवारों के एकमात्र कमाने वाले हैं।

विशेष लोक अभियोजक वी. अजा कुमार ने कहा कि सामूहिक बलात्कार के लिए सभी आरोपियों को अधिकतम आजीवन कारावास की सजा दी जानी चाहिए।कुमार ने कहा कि अभियोजन पक्ष फैसले से पूरी तरह संतुष्ट नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘सामूहिक बलात्कार के आरोपों में दी जा सकने वाली यह सबसे कम सजा है। मैं इस फैसले से निराश हूं।’’लोक अभियोजक ने कहा कि जल्द ही केरल उच्च न्यायालय में अपील दायर की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘हमें अदालत से पूरा न्याय नहीं मिला है। हमें उच्च न्यायालय से न्याय मिलने की उम्मीद है।’’

Read More एएसपी ने थाना सिकंदराराऊ व चौकी सलेमपुर का औचक निरीक्षण किया

पूरी सुनवाई के दौरान, अदालत ने यह स्पष्ट किया कि सुनी द्वारा किया गया अपराध पांच अन्य दोषियों के अपराधों से कहीं अधिक गंभीर है।सत्रह फरवरी 2017 को अभिनेत्री से सामूहिक दुष्कर्म के मामले ने केरल को झकझोर दिया था। आरोपियों ने जबरन अभिनेत्री की कार में प्रवेश किया और दो घंटे तक उसे अपने कब्जे में रखा।मुख्य आरोपी पल्सर सुनी ने चलती कार में अभिनेत्री के साथ यौन उत्पीड़न किया और अन्य दोषियों की मदद से इस घटना का वीडियो बनाया।

Read More पूर्व आईएएस अधिकारी प्रदीप शर्मा को धन शोधन मामले में पांच साल की कैद

इस अपराध में साजिश रचने के आरोपी अभिनेता दिलीप को जांच के दौरान गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, लगभग छह साल तक चले मुकदमे के बाद अदालत ने उन्हें निर्दोष पाया।केरल के कानून मंत्री पी. राजीव ने कहा कि फैसले के विवरण का विश्लेषण करने के बाद अपील दायर की जाएगी।संस्कृति मंत्री साजी चेरियन ने कहा कि वे पीड़िता के साथ खड़े रहेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘यह उचित सजा नहीं है। हम इसका अध्ययन करेंगे और आगे की कार्रवाई करेंगे।’’फिल्म जगत ने भी पीड़िता का समर्थन किया और सरकार से सत्र न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील दायर करने की मांग की।

Read More लाल किला विस्फोट : आरोपी आमिर राशिद अली को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया

एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स (एएमएमए) की अध्यक्ष श्वेता मेनन ने कहा कि पीड़िता फिल्म उद्योग की महिलाओं के लिए एक मिसाल है।उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘मेरी निजी राय है कि इस मामले में अपील दायर की जानी चाहिए। मेरा मानना ​​है कि पीड़िता भी यही चाहती है।’’फिल्म निर्देशक कमल ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि मुख्य आरोपी को उम्रकैद की सजा मिलेगी।उन्होंने कहा, ‘‘मेरी निजी राय है कि सजा कम दी गई है। मुझे नहीं पता कि न्यायाधीश ने अपराध की गंभीरता पर पूरी तरह से विचार किया था या नहीं।’’

संबंधित समाचार