राशन डीलरों ने लाभांश बढ़ाने व मिनिमम इनकम गारंटी की मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन

नेशनल एक्सप्रेस डिजिटल डेस्क
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उत्तर प्रदेश के उचित दर विक्रेताओं ने अपने लाभांश में वृद्धि और मिनिमम इनकम गारंटी लागू किए जाने की मांग को उठाया है।

नेशनल एक्सप्रेस, मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश के उचित दर विक्रेताओं ने अपने लाभांश में वृद्धि और मिनिमम इनकम गारंटी लागू किए जाने की मांग को उठाया है। ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन इकाई के बैनर तले बड़ी संख्या में राशन डीलरों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिला पूर्ति अधिकारी को सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से राशन डीलरों ने कहा है कि प्रदेश के कोटेदार शासन के निर्देशों के अनुरूप पारदर्शी तरीके से खाद्यान्न वितरण कर रहे हैं।

कोरोना काल के दौरान भी कोटेदारों ने बिना अपनी व परिवार की सुरक्षा की परवाह किए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत निःशुल्क राशन का वितरण किया। सभी डीलरों ने ई-पास मशीन के माध्यम से ईमानदारी से कार्य किया, जिसकी सराहना पूरे देश में हुई और उत्तर प्रदेश सरकार को केंद्र सरकार की ओर से प्रशस्ति पत्र भी मिला।

कोटेदारों ने बताया कि वह खाद्यान्न वितरण के साथ-साथ अन्य सरकारी योजनाओं जैसे आयुष्मान कार्ड निर्माण, किसान फार्मर रजिस्ट्री, एसआईआर और वोटर लिस्ट संशोधन में भी निरंतर सहयोग देते हैं। इसके बावजूद उत्तर प्रदेश में कोटेदारों को मात्र 90 रुपये प्रति क्विंटल लाभांश प्राप्त होता है, जो अत्यंत कम है। जबकि हरियाणा में 200 रुपये प्रति क्विंटल, गोवा में 220 रुपये, केरल में 200 रुपये और गुजरात में 20,000 रुपये की मिनिमम इनकम गारंटी दी जा रही है।

फेडरेशन से जुड़े कोटेदारों ने मांग की है कि उत्तर प्रदेश के कोटेदारों को भी अन्य राज्यों की भांति उचित लाभांश और मिनिमम इनकम गारंटी प्रदान की जाए, ताकि महंगाई के इस दौर में उनके परिवारों का जीवन-यापन सुचारू रूप से चल सके।कोटेदारों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं लिया गया।तो वह 28 जनवरी 2026 से अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन व विधानसभा घेराव करने के लिए बाध्य होंगे।उन्होंने स्पष्ट कहा कि आंदोलन की स्थिति बनने पर इसकी जिम्मेदारी शासन, प्रशासन और राज्य सरकार की होगी।

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