मझोला थाना क्षेत्र में खुलेआम हत्या: कानून की धज्जियां उड़ाईं, पुलिस रही नदारद
मझोला थाना क्षेत्र में एक भयावह और चौंका देने वाली घटना ने पूरे इलाके में दहशत फैलाकर कानून व्यवस्था पर सवाल उठा दिए हैं।
नेशनल एक्सप्रेस, मुरादाबाद। मझोला थाना क्षेत्र में एक भयावह और चौंका देने वाली घटना ने पूरे इलाके में दहशत फैलाकर कानून व्यवस्था पर सवाल उठा दिए हैं। भीड़-भाड़ वाली सड़क पर, सरेआम एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई, पर पुलिस मौके पर समय पर नहीं पहुंची। यह केवल एक हत्या की घटना नहीं है, बल्कि उस क्षेत्र में बढ़ती आपराधिक घटनाओं और पुलिस की नासमझी का कड़वा सच सामने लाती है।

मझोला थाना क्षेत्र के चिड़िया टोला मोहल्ले के पास उस भीड़-भाड़ वाले बाजार में हुई जहां दिनभर दुकानें खुली रहती हैं और लोग आवागमन करते रहते हैं। लगभग को प्रिंस चौहान नामक युवक पर अज्ञात अपराधियों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं। इतनी भीड़ और इतनी सड़क पर यह अपराध होना और अपराधी की खुली चुनौती कानून को देना चिंताजनक है।गोलियां चलने के बाद प्रिंस सड़क पर गिर पड़ा, जहां प्रभावी मेडिकल सहायता न मिलने के कारण उसने कुछ ही मिनटों में दम तोड़ दिया।
स्थानीय लोगों ने बताया कि गोली चलने की आवाज सुनते ही इधर-उधर भगदड़ मच गई। दुकानें बंद हो गईं, लोग डर के मारे छिपने लगे। लेकिन पुलिस इस प्रकरण में पूरी तरह विफल रही, जो घटना स्थल पर नहीं पहुंची। इस तरह के संगीन अपराध में पुलिस की मौजूदगी अत्यंत आवश्यक होती है ताकि अपराधी को दौड़ाकर पकड़ा जा सके, गवाहों से जानकारी जुटाई जा सके और इलाके में अफरा-तफरी को कंट्रोल किया जा सके। पर मझोला थाना प्रभारी और उनकी टीम शायद ‘गहरी नींद’ में थे, क्योंकि घंटों बाद भी पुलिस पहुंची नहीं।
घायल युवक को लेकर परिवार वाले अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिवार में भारी आक्रोश एवं हंगामा मचा हुआ है। उन्होंने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की और आरोप लगाया कि पुलिस ने जानबूझकर कार्रवाई नहीं की।स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया और माहौलइसके बाद पूरे इलाके में सुरक्षा का भय व्याप्त हो गया है। लोग रात के समय बाहर निकलने से डर रहे हैं, छात्र और कार्यकर्ता दहशत के कारण अपने कामकाज से बंधे हुए हैं। व्यापारी अपनी सुरक्षा लेकर चिंतित हो गए हैं, क्योंकि ऐसी जानलेवा वारदातों की वजह से उनका व्यापार प्रभावित हुआ है।
लोगों का कहना है कि मझोला थाना क्षेत्र में हाल के महीनों में आपराधिक घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। कई बार लूट, मारपीट, चोरी की शिकायतें मिली हैं, तथा अब खुलेआम हुई हत्या ने पूरी व्यवस्था को सवालों के घेरे में ला दिया है।प्रशासन और पुलिस व्यवस्था पर सवालयह घटना दर्शाती है कि स्थानीय प्रशासन अपराध के खिलाफ कितनी गंभीरता से काम कर रहा है। क्या मझोला पुलिस के पास पर्याप्त संसाधन हैं? क्या पुलिसकर्मी प्रभावित क्षेत्र में नियमित गश्त करते हैं?
यह भी सवाल उठा है कि आखिर पुलिस ने घटना स्थल पर क्यों नहीं पहुंचकर त्वरित कार्रवाई की?यह भी पूछा जा रहा है कि क्या पुलिस के उच्च अधिकारियों की गर्दन पर इस प्रकार की वारदातों के लिए कोई जवाबदेही है? मझोला के नागरिक न्यायप्राप्ति की मांग कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की पुकार लगा रहे हैं।अपराधियों की बेखौफ हरकतेंयह हत्या सिर्फ अपराधियों की निडरता को नहीं, बल्कि समाज में कानून के डर के खत्म होने की तस्वीर भी दिखाती है।
अपराधी खुलेआम भीड़-भाड़ में गोली चलाते हैं, दहशत फैलाते हैं, और बिना किसी भय के फरार हो जाते हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि वे पुलिस के गैर-होने और जिम्मेदारी न लेने की स्थिति का फायदा उठा रहे हैं। प्रिंस चौहान के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। वे पुलिस के रवैये से निराश हैं और मांग कर रहे हैं कि अपराधियों की शीघ्र गिरफ्तारी हो। परिवार के लोग अस्पताल में दम तोड़ते हुए बेटे को देखकर टूट गए हैं।
उनका कहना है कि यदि पुलिस समय रहते पहुंच जाती तो वे इस दर्दनाक हादसे से बच सकते थे।मझोला के आपराधिक मामलों का इतिहासमझोला थाना क्षेत्र पिछले कुछ महीनों से अपराध की चपेट में है।छोटे-मोटे अपराधों के अलावा लूट और हिंसा की घटनाओं ने यहाँ की सुरक्षा व्यवस्था को कमजोर किया है। जनता ने कई बार पुलिस से मामले उजागर करने और सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है, लेकिन कोई सार्थक सुधार नजर नहीं आया।

