सेना प्रमुख जनरल Upendra Dwivedi ने पाकिस्तान को चेतावनी दी, कहा- दुनिया के नक्शे में रहना है तो रोकें आतंकवाद

नेशनल एक्सप्रेस डिजिटल डेस्क
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जनरल द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि भारत अब पहले जैसा संयम नहीं दिखाएगा। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम (जम्मू-कश्मीर) में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था, जिसमें 26 पर्यटकों की हत्या हुई।

नेशनल एक्सप्रेस ब्यूरो, राजस्थान। श्रीगंगानगर जिले के अनूपगढ़ में शुक्रवार को सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पाकिस्तान को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि यदि पाकिस्तान विश्व मानचित्र पर अपनी जगह बनाए रखना चाहता है, तो उसे अपनी धरती से आतंकवाद को प्रायोजित करना तुरंत बंद करना होगा। यह बयान सैनिकों को संबोधित करते हुए दिया गया।

ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र

द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि भारत अब पहले जैसा संयम नहीं दिखाएगा। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम (जम्मू-कश्मीर) में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था, जिसमें 26 पर्यटकों की हत्या हुई। ऑपरेशन 7 मई 2025 को लॉन्च हुआ और 88 घंटे चला, जिसमें भारत ने पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए।

ऑपरेशन की सफलता और सबूत

सेना प्रमुख ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने दुनिया को पाकिस्तान में आतंकी कैंपों के ठोस सबूत दिए। यदि ये सबूत न दिए जाते, तो पाकिस्तान इन्हें छिपा लेता। इस ऑपरेशन में 9 लक्ष्यों पर हमला हुआ—7 पर सेना और 2 पर वायुसेना ने स्ट्राइक की। उद्देश्य केवल आतंकियों को निशाना बनाना था, न कि पाकिस्तानी नागरिकों को नुकसान पहुंचाना। हमलों में LeT, JeM और Hizbul Mujahideen जैसे संगठनों के 100 से अधिक आतंकी मारे गए।

भविष्य की तैयारी का आह्वान

जनरल द्विवेदी ने सैनिकों से कहा कि वे खुद को पूरी तरह तैयार रखें। उन्होंने कहा, "अब संयम नहीं बरतेंगे। यदि भगवान ने चाहा, तो मौका जल्द आएगा।" भारत ऐसी कार्रवाई करेगा जो पाकिस्तान को अपनी स्थिति पर पुनर्विचार करने पर मजबूर कर दे। ऑपरेशन को 'चेकमेट' की तरह वर्णित किया, जहां भारत ने पाकिस्तान की अप्रत्याशित चालों का जवाब दिया।

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सीमावासियों को सैनिक का दर्जा

सीमा पर रहने वाले लोगों के बारे में पूछे सवाल पर जनरल द्विवेदी ने कहा कि भारत इन्हें आम नागरिकों के बजाय सैनिकों के रूप में देखता है। वे कंधे से कंधा मिलाकर युद्ध में खड़े रहते हैं। 1965 और 1971 के युद्धों का उदाहरण देते हुए कहा कि आने वाला संघर्ष पूरे देश का है, न कि केवल सेना का।

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जनता का जोश बढ़ाता मनोबल

सेना प्रमुख ने सीमा पर बसे लोगों के उत्साह की सराहना की। उन्होंने कहा कि उनका जोश सैनिकों का मनोबल बढ़ाता है। हम चाहते हैं कि वे आगे भी हमारे साथ खड़े रहें। इस भावना के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।

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वैश्विक समर्थन

जनरल द्विवेदी ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पूरी दुनिया ने भारत का साथ दिया। भारत ने केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, क्योंकि पाकिस्तान आतंकवाद को प्रायोजित कर रहा था। ऑपरेशन ने भारत की काउंटर-टेररिज्म डॉक्ट्रिन को नया आयाम दिया और राजनीतिक इच्छाशक्ति की मिसाल कायम की।

ऑपरेशन का व्यापक प्रभाव

यह ऑपरेशन DIME (Diplomatic, Information, Military, Economic) स्पेक्ट्रम पर चला। पाकिस्तान ने जवाबी ड्रोन और मिसाइल हमले किए, लेकिन भारत की एयर डिफेंस ने इन्हें निष्फल कर दिया। ऑपरेशन ने पाकिस्तान को 10 मई को युद्धविराम के लिए मजबूर किया। सेना प्रमुख ने इसे 'ग्रे जोन' मिशन बताया, जहां शतरंज की तरह दुश्मन की चाल अनिश्चित थी।

 

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