ट्रंप का 'शटडाउन हमला' : डेमोक्रेट शहरों पर 20 अरब डॉलर का 'राजनीतिक बम', अमेरिका के इंफ्रास्ट्रक्चर सपने चूर-चूर
.jpeg)
इतिहास में एक बार फिर सरकारी शटडाउन का काला साया मंडरा रहा है, लेकिन इस बार राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे हथियार बना लिया है।
नेशनल एक्सप्रेस ब्यूरो, नई दिल्ली। इतिहास में एक बार फिर सरकारी शटडाउन का काला साया मंडरा रहा है, लेकिन इस बार राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे हथियार बना लिया है। डेमोक्रेट-शासित शहरों को निशाना बनाते हुए ट्रंप प्रशासन ने शिकागो के लिए 2.1 अरब डॉलर और न्यूयॉर्क के लिए 18 अरब डॉलर की इंफ्रास्ट्रक्चर फंडिंग रोक दी है।
व्हाइट हाउस के बजट निदेशक रस वॉट ने इसे 'रेस-बेस्ड कॉन्ट्रैक्टिंग' और 'असंवैधानिक DEI प्रथाओं' की जांच का बहाना बताया, लेकिन विशेषज्ञ इसे साफ राजनीतिक बदले की कार्रवाई मान रहे हैं। शटडाउन के बीच यह कदम डेमोक्रेटिक लीडर चक शूमर पर दबाव बनाने का हथकंडा है, जिन्हें व्हाइट हाउस गतिरोध का 'विलेन' ठहरा रहा है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था पहले ही दबाव में है और अब हजारों नौकरियां, ट्रेन विस्तार और राष्ट्रीय परिवहन परियोजनाएं खतरे में हैं। क्या यह ट्रंप का 'प्रोजेक्ट 2025' का नया चैप्टर है? आइए, इस 'शटडाउन युद्ध' की पूरी तस्वीर देखें। ट्रंप प्रशासन का यह 'फंडिंग फ्रीज' सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं, बल्कि एक सुनियोजित रणनीति है।
सरकारी शटडाउन 1 अक्टूबर से शुरू हुआ, जब सीनेट में फंडिंग बिल पर वोट फेल हो गया। डेमोक्रेट्स स्वास्थ्य सब्सिडी बढ़ाने की मांग पर अड़े थे, जबकि रिपब्लिकन्स ने इसे 'अवैध अप्रवासियों को फायदा' बताकर खारिज कर दिया। अब ट्रंप ने जवाब में 'ब्लू स्टेट्स' को निशाना बनाया – शिकागो, न्यूयॉर्क जैसे शहर जहां डेमोक्रेट सत्ता में हैं। वॉट ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा, "ये फंडिंग रुकेंगी ताकि टैक्सपेयर्स का पैसा असंवैधानिक तरीके से न बर्बाद हो।" लेकिन आलोचक चिल्ला रहे हैं: यह 'कल्चर वॉर' का नाम है, बदले का खेल है!
शिकागो की 'रेड लाइन' पर ब्रेक : वंचित इलाकों का सपना टूटा
शिकागो, अमेरिका का तीसरा सबसे बड़ा शहर, अब ट्रंप के 'फंडिंग ब्लैकआउट' का शिकार है। 2.1 अरब डॉलर की यह राशि चिकागो ट्रांजिट अथॉरिटी (CTA) की दो प्रमुख परियोजनाओं के लिए थी।
रेड लाइन एक्सटेंशन : साउथ साइड के वंचित समुदायों में चार नए स्टेशन जोड़ना, जो गरीबी और अपराध से जूझ रहे इलाकों को बेहतर कनेक्टिविटी देता।
रेड एंड पर्पल लाइन मॉडर्नाइजेशन : पुरानी इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करना, जो दैनिक लाखों यात्रियों को प्रभावित करता।
ट्रंप प्रशासन का दावा है कि इन प्रोजेक्ट्स में 'रेस-बेस्ड कॉन्ट्रैक्टिंग' (जैसे DEI – डाइवर्सिटी, इक्विटी एंड इंक्लूजन) के तहत अनुबंध दिए गए, जो 'असंवैधानिक' हैं। लेकिन शटडाउन के कारण जांच टीम फर्लो हो गई, और फंडिंग 'अस्थायी' रूप से रुक गई। इसका असर? हजारों निर्माण नौकरियां गईं, शहर की अर्थव्यवस्था को अरबों का नुकसान, और वंचित समुदायों का विकास रुक गया। शिकागो मेयर ने इसे 'राजनीतिक ब्लैकमेल' कहा।
न्यूयॉर्क का 'टनल ट्रेजडी' : हडसन नदी के नीचे सपने डूबे
इस हफ्ते की शुरुआत में ही न्यूयॉर्क को 18 अरब डॉलर का झटका लगा। ट्रंप प्रशासन ने दो मेगा प्रोजेक्ट्स की फंडिंग रोकी।
गेटवे हडसन टनल प्रोजेक्ट: न्यूयॉर्क और न्यू जर्सी को जोड़ने वाली नई रेल टनल, जो 100 साल पुरानी टनल को रिप्लेस करेगी। दैनिक 2 लाख कम्यूटर्स इससे फायदा पाते।
सेकंड एवेन्यू सबवे एक्सटेंशन: मैनहट्टन में सबवे लाइन का विस्तार, जो ट्रैफिक जाम कम करे और इकोनॉमी को बूस्ट दे।
यहां भी बहाना वही – 'DEI प्रथाओं' की जांच। लेकिन शटडाउन ने स्टाफ को घर भेज दिया, और फंडिंग 'रिव्यू' के नाम पर अटक गई। न्यूयॉर्क गवर्नर कैथी होचुल ने इसे 'कल्चर वॉर का बहाना' बताया, जबकि सीनेटर चक शूमर ने चेतावनी दी: "ये प्रोजेक्ट्स 10,000 नौकरियां पैदा करते हैं, राष्ट्रीय इकोनॉमी के लिए जरूरी हैं। ट्रंप का यह कदम मूर्खतापूर्ण और हानिकारक है!" न्यू जर्सी की डेमोक्रेट उम्मीदवार मिकी शेरिल ने कहा, "हम अदालत जाएंगे, यह प्रोजेक्ट रुकने नहीं देंगे।
शटडाउन का बड़ा नुकसान : अर्थव्यवस्था पर 'डबल ब्लो'राष्ट्रीय प्रभाव
शटडाउन से पहले ही फेडरल वर्कर्स बिना सैलरी के काम कर रहे, नेशनल पार्क्स बंद, और फूड असिस्टेंस प्रोग्राम प्रभावित। अब इंफ्रास्ट्रक्चर कट्स से 2025 में GDP ग्रोथ 0.5% गिर सकती है।
राजनीतिक संदेश : ट्रंप ने कहा, "डेमोक्रेट्स ने शटडाउन चुना, अब भुगतें।" लेकिन डेमोक्रेट्स चक शूमर और हकीम जेफरीज इसे 'ट्रंप का बदला' बता रहे, खासकर न्यूयॉर्क (शूमर-जेफरीज का गढ़) को टारगेट करने पर।
विपक्ष का जोरदार पलटवार : 'ट्रंप की तानाशाही बंद करो!'डेमोक्रेटिक लीडर्स ने ट्रंप पर हमला बोला। चक शूमर ने X पर पोस्ट किया: "ट्रंप प्रशासन इन प्रोजेक्ट्स को रोककर अमेरिकी परिवारों को सताने पर तुला है। यह राजनीतिक स्वार्थ है, राष्ट्रीय हित नहीं!"
हकीम जेफरीज ने इसे 'Racist डीपफेक वीडियोज' से जोड़ते हुए ट्रंप की 'विभाजनकारी राजनीति' की निंदा की। डेमोक्रेट्स अब कोर्ट और पब्लिक प्रेशर से फंडिंग बहाल करने की कोशिश में हैं।
मुख्य बिंदु : ट्रंप शटडाउन का 'हिट लिस्ट'
शिकागो प्रभावित : 2.1 अरब डॉलर रोके, रेड लाइन विस्तार और मॉडर्नाइजेशन पर ब्रेक – 5,000+ नौकरियां खतरे में।
न्यूयॉर्क झटका : 18 अरब डॉलर फ्रीज, हडसन टनल और सबवे एक्सटेंशन रुके – दैनिक 3 लाख कम्यूटर्स प्रभावित।
राजनीतिक टारगेट : डेमोक्रेट शहरों पर फोकस, शूमर पर दबाव – 'DEI जांच' बहाना।
अर्थव्यवस्था का खतरा : हजारों जॉब्स, इंफ्रा डेवलपमेंट रुकाव – GDP को 1% तक नुकसान संभव।
डेमोक्रेट रिएक्शन : 'मूर्खतापूर्ण बदला', कोर्ट जाने की धमकी।
ट्रंप का दावा : 'टैक्सपेयर्स बचाओ' लेकिन विशेषज्ञ : 'शटडाउन का राजनीतिक हथियार।'