लूटकांड में वर्दी पर दाग, दो पुलिसकर्मी निकले लुटेरों के मददगार

थाना मक्खनपुर क्षेत्र में 30 सितंबर को हुई डेढ़ से दो करोड़ रुपए की सनसनीखेज लूटकांड में बड़ा खुलासा हुआ है।
नेशनल एक्सप्रेस, रामपाल चौधरी (फिरोजाबाद)। थाना मक्खनपुर क्षेत्र में 30 सितंबर को हुई डेढ़ से दो करोड़ रुपए की सनसनीखेज लूटकांड में बड़ा खुलासा हुआ है। इस हाईप्रोफाइल केस में अब वर्दीधारी भी लुटेरों के साझेदार निकल आए हैं।मक्खनपुर पुलिस ने बुधवार को पुलिस लाइन कमिश्नरेट आगरा में तैनात मुख्य आरक्षी मनोज को लूटी गई रकम में से 5 लाख रुपए की बरामदगी के साथ गिरफ्तार किया है। इससे पहले मंगलवार को जीआरपी आगरा में तैनात मुख्य आरक्षी अंकुर प्रताप सिंह को भी 5 लाख रुपए नकद सहित पकड़ा गया था।
1.5-2 करोड़ की लूट से जुड़ा था पूरा नेटवर्क
30 सितंबर की शाम थाना मक्खनपुर क्षेत्र के ग्राम घुनपई के पास जीके कम्पनी की गाड़ी से करीब 1.5 से 2 करोड़ रुपए की नकदी लूट ली गई थी। पुलिस की तेज़ कार्रवाई में 4 अक्टूबर को थाना मक्खनपुर, शिकोहाबाद, रामगढ़ और एसओजी/सर्विलांस टीम ने मिलकर घटना को अंजाम देने वाले छह शातिर लुटेरों को गिरफ्तार किया था। उनके पास से 1 करोड़ 5 हजार 310 रुपए नकद, लूट के पैसों से खरीदा गया एक आईफोन, मोटरसाइकिल की रसीद, अवैध असलहे और दो चारपहिया वाहन बरामद किए गए थे।
मुठभेड़ में इनामी बदमाश नरेश ढेर
घटना के बाद फरार चल रहे 50 हजार के इनामी लुटेरे नरेश को 5 अक्टूबर को पुलिस मुठभेड़ में गोली लग गई थी। उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
वर्दीवालों का काला खेल — अपराधियों से सौदा!
विवेचना के दौरान पुलिस को पता चला कि घटना की जानकारी दो पुलिसकर्मियों मनोज और अंकुर प्रताप सिंह को पहले से थी। दोनों ने घटना के दिन नई दिल्ली जाकर नकद रकम हासिल की और बदले में अपराधियों को पुलिस कार्रवाई और रिपोर्ट दर्ज होने की अंदरूनी जानकारी देने का वादा किया था।
थाना मक्खनपुर पुलिस टीम ने लगातार साक्ष्य जुटाते हुए बुधवार को मुख्य आरक्षी मनोज को बिल्टिंगढ़ चौराहा अंडरपास के पास से दबोच लिया। अब तक कुल दो पुलिसकर्मी और सात अपराधी लूटकांड में पकड़े जा चुके हैं, जबकि एक इनामी बदमाश मुठभेड़ में मारा जा चुका है।
अब वर्दी पर उठे सवाल, आगे की जांच जारी
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, दोनों आरक्षियों की भूमिका बेहद संदिग्ध पाई गई है। मामला गंभीर होने के कारण जाँच को उच्चाधिकारियों की निगरानी में किया जाएगा।