राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का शताब्दी वर्ष विजयादशमी उत्सव पर पथ संचलन से प्रारंभ

नेशनल एक्सप्रेस डिजिटल डेस्क
On

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने अपने शताब्दी वर्ष की ऐतिहासिक शुरुआत विजयादशमी उत्सव के अवसर पर कालकाजी जिले में भव्य पथ संचलन से की।

नेशनल एक्सप्रेस ब्यूरो, नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने अपने शताब्दी वर्ष की ऐतिहासिक शुरुआत विजयादशमी उत्सव के अवसर पर कालकाजी जिले में भव्य पथ संचलन से की। सुबह 7 बजे से 10 बजे तक आयोजित इस कार्यक्रम में जिले के 12 मंडलों के अंतर्गत 13 स्थानों पर मुख्य मार्गो से अनुशासित पथ संचलन निकाला गया। पूरे आयोजन में उत्साह, अनुशासन और संगठन की अद्वितीय छवि देखने को मिली।

अनुशासन और राष्ट्रभक्ति का प्रदर्शन

पथ संचलन के दौरान स्वयंसेवकों की पंक्तियों ने अनुशासन और संगठन का परिचय देते हुए क्षेत्र का वातावरण राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत कर दिया। नारी शक्ति, युवाओं और समाज के विभिन्न वर्गों की सक्रिय भागीदारी उल्लेखनीय रही।

अतिथियों और वक्ताओं का मार्गदर्शन

Read More Fenesta Open Tennis Tournament : कैंटीन में बैठा कुत्ता, खिलाड़ियों की सुरक्षा पर सवाल, पर कोई बोलने को तैयार नहीं

प्रत्येक मंडल के कार्यक्रम में संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे, वहीं समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने अतिथि के रूप में मार्गदर्शन किया। वक्ताओं ने कहा कि विजयादशमी उत्सव केवल एक परंपरा नहीं बल्कि संगठन, सेवा और राष्ट्रसमर्पण का प्रेरणास्रोत है।

Read More सम्पूर्ण हिन्दू समाज का संगठित स्वरूप ही भारत की एकता, एकात्मता, विकास व सुरक्षा की गारंटी है - भागवत

शताब्दी वर्ष : समाज जागरण का वर्ष

Read More ममता सरकार में पश्चिम बंगाल के हालात चिंताजनक - अनूप पांडेय 

जिले के माननीय संघचालक जितेश जी और जिला कार्यवाह अजय जी उपाध्याय ने संघ की पंच परिवर्तन योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए शताब्दी वर्ष को “समाज जागरण का वर्ष” घोषित किया। उन्होंने कहा कि यह समय केवल अतीत की उपलब्धियों को याद करने का नहीं बल्कि भविष्य के संकल्पों को मजबूत करने का है।

ऐतिहासिक झलक और चुनौतियाँ

वक्ताओं ने संघ की 100 वर्षों की यात्रा का उल्लेख करते हुए बताया कि 1940 से 1975 तक के कालखंड में विभाजन, युद्ध और आपातकाल जैसी परिस्थितियों में संघ ने कठिनाइयों का सामना किया। 1975 से 2000 के बीच संगठन का विस्तार हुआ और विभिन्न संगठनों की नींव रखी गई। 2000 के बाद समाज में व्यापक बदलाव और राम मंदिर निर्माण जैसे ऐतिहासिक निर्णय सामने आए। कोरोना काल में भी संघ ने सेवा कार्यों से समाज का साथ दिया।

राष्ट्रनिर्माण का संकल्प

संघ के वरिष्ठ वक्ताओं ने कहा कि शताब्दी वर्ष केवल औपचारिक उत्सव का नहीं, बल्कि सेवा, शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और सामाजिक समरसता जैसे क्षेत्रों में समाज तक पहुँच बढ़ाने का संकल्प वर्ष है।

सरकार का सम्मान

कार्यक्रम में यह भी उल्लेख किया गया कि संघ के 100 वर्ष पूर्ण होने पर सरकार ने स्मृति सिक्का और डाक टिकट जारी कर विश्वास और सम्मान प्रकट किया है।

भारी जनसहभागिता

पथ संचलन के साथ आयोजित विजयादशमी उत्सव में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, महिलाएँ और युवा उपस्थित रहे। जिला प्रचार प्रमुख विजय कुमार ने बताया है कि पथ संचलन में कुल 4780 पूर्ण गणवेशधारी स्वयंसेवकों ने भाग लिया। समाज की सज्जन शक्ति ने फूलों की वर्षा कर स्वयंसेवकों का स्वागत किया। वरिष्ठ संघ अधिकारियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ाया। विजयादशमी का यह आयोजन न केवल कालकाजी जिले के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ, बल्कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष की दिशा और दशा तय करने वाला महत्वपूर्ण पड़ाव भी बना।

संबंधित समाचार