भिरावटी में भीषण अग्निकांड दो भैंसें झुलसीं 1500 से अधिक गेहूं के पूले जलकर हुए राख
ममता पत्नी चंद्रकेश के घर में देर रात लगी आग फायर ब्रिगेड ने आग पर पाया काबू
ममता ने बताया कि रात के करीब दो बजे अचानक झोपड़ी से ऊंची-ऊंची लपटें उठती दिखीं। उसने तुरंत चीख-पुकार मचाई जिसके बाद गांव के लोग मौके पर दौड़ पड़े।
नेशनल एक्सप्रेस, गुन्नौर/धनारी (कपिल वार्ष्णेय)। थाना क्षेत्र के ग्राम भिरावटी में बीती शनिवार और रविवार रात एक भीषण अग्निकांड ने पूरे गांव को दहला दिया। देर रात लगभग 2:00 बजे अचानक ममता पत्नी चंद्रकेश के घर में बनी पशुशाला की झोपड़ी में आग लग गई। घटना के समय ममता अपने बच्चों के साथ आंगन में सो रही थीं।
ममता ने बताया कि रात के करीब दो बजे अचानक झोपड़ी से ऊंची-ऊंची लपटें उठती दिखीं। उसने तुरंत चीख-पुकार मचाई जिसके बाद गांव के लोग मौके पर दौड़ पड़े। कुछ ही मिनटों में बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए और निजी संसाधनों से आग बुझाने का प्रयास शुरू कर दिया लेकिन आग तेजी से फैलती चली गई। आग देखते ही देखते विकराल रूप ले गई। पशुशाला में बंधी दो भैंसें बुरी तरह झुलस गईं जबकि अंदर रखे गेहूं के प्याल के 1500 से अधिक पूले पूरी तरह जलकर राख हो गए। ग्रामीणों का कहना है कि आग इतनी भयानक थी कि संभलने का मौका तक नहीं मिला। ग्रामीणों के प्रयास असफल होने पर फायर ब्रिगेड और धनारी पुलिस को सूचना दी गई। फायर ब्रिगेड टीम मौके पर पहुंची और काफी समय की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आग से घर का बड़ा हिस्सा जलकर खाक हो गया।
पशु चिकित्सक की लापरवाही बाद में मुख्य अधिकारी की हस्तक्षेप से हुआ इलाज शुरू
घटना के बाद झुलसी भैंसों के इलाज के लिए ग्रामीणों के द्वारा पशु चिकित्सक को बार बार फोन किया गया। लेकिन पहले तो फोन नहीं उठा और बाद में बात को टालते हुए टाल मटोल कर दी गई परिजनों के अनुसार एक पशु चिकित्सक ने फोन पर सही प्रतिक्रिया नहीं दी और गैर-जिम्मेदाराना बातें कीं। इसके बाद मामले की सूचना मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को दी गई जिन्होंने तुरंत टीम भेजने के आदेश दिए। मौके पर पहुंचे पशु चिकित्सक ने दोनों भैंसों का उपचार शुरू किया। ममता के पति चंद्रकेश जो दिल्ली में मजदूरी करते हैं को जब आग लगने की खबर मिली तो वे तुरंत गांव के लिए रवाना हुए और दोपहर में घर पहुंचे। घर की हालत देखकर वह भावुक हो उठे। पूरे परिवार का खाद्यान्न पशुशाला और मवेशी गंभीर नुकसान झेल चुके थे।
चंद्रकेश के पिता किशनलाल उर्फ केशो जो गांव में बने अपने दूसरे मकान में सो रहे थे आग की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि जब वे पहुंचे तो झोपड़ी पूरी तरह आग की चपेट में थी। दो मवेशी मेरी आंखों के सामने जलते हुए दिखे लेकिन कुछ करने का समय ही नहीं मिल पाया। आग की सूचना गुन्नौर के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) को दी गई। एसडीएम के निर्देश पर लेखपाल और अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने नुकसान का आकलन किया और कहा कि जल्द से जल्द आग के कारणों की जांच की जाएगी तथा पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दिलाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

