टाइम्स ऑफ इंडिया, आस्क इनसाइट और यूनिटी ऑफ नेशन्स एक्शन फॉर क्लाइमेट चेंज काउंसिल द्वारा संयुक्त अंतरराष्ट्रीय आयोजन संपन्न

नेशनल एक्सप्रेस डिजिटल डेस्क
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नेशनल एक्सप्रेस ब्यूरो, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के द ललित होटल, कनॉट प्लेस में एक ऐतिहासिक आयोजन का साक्षी बना जब आस्क इनसाइट (आयोजक) और यूनिटी ऑफ नेशन्स एक्शन फॉर क्लाइमेट चेंज काउंसिल (सह-आयोजक) ने संयुक्त रूप से दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन “इनक्लूसिव ह्यूमन सेंट्रिक समिट” का सफल आयोजन किया। इस कार्यक्रम में देश-विदेश से आए नीति-निर्माताओं, विशेषज्ञों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। समारोह की शोभा बढ़ाने के लिए देश की प्रतिष्ठित हस्तियाँ केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री श्रीमती सवित्री ठाकुर और पद्मश्री डॉ. नीरू कुमार, विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं।

सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य समावेशी और सतत विकास पर चर्चा करना तथा महिलाओं और बच्चों के सशक्तिकरण को बढ़ावा देना था। पूरे आयोजन के दौरान विचार-विमर्श, पैनल चर्चा और विभिन्न देशों से आए प्रतिनिधियों के अनुभव-साझा करने का सत्र आयोजित किया गया। इसमें इस बात पर ज़ोर दिया गया कि एक न्यायपूर्ण और समान समाज के निर्माण के लिए शिक्षा, समान अवसर और पर्यावरणीय स्थिरता को एक साथ बढ़ाना आवश्यक है।

मुख्य अतिथि का संबोधन

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती सवित्री ठाकुर ने अपने संबोधन में महिलाओं और बच्चों की भूमिका को राष्ट्र निर्माण की बुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि सरकार ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, सुकन्या समृद्धि योजना और मिशन शक्ति जैसी योजनाओं के माध्यम से महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा दिया है। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि जब महिलाएँ सशक्त होती हैं, तो पूरा समाज मजबूत बनता है।

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स्वागत भाषण - डॉ. राजत शर्मा (यूनिटी ऑफ नेशन्स एक्शन फॉर क्लाइमेट चेंज काउंसिल के वैश्विक संस्थापक)

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यूनिटी ऑफ नेशन्स एक्शन फॉर क्लाइमेट चेंज काउंसिल के संस्थापक डॉ. राजत शर्मा ने अपने स्वागत संबोधन में सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का अभिनंदन किया। उन्होंने बताया कि यूनिटी ऑफ नेशन्स एक्शन फॉर क्लाइमेट चेंज काउंसिल विश्व स्तर पर सतत विकास और जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर कार्य कर रही है। डॉ. शर्मा ने कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य “मानव-केंद्रित विकास” की उस अवधारणा को आगे बढ़ाना है जिसमें जलवायु, समाज और अर्थव्यवस्था — तीनों का संतुलित विकास सुनिश्चित हो।

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विशेष आमंत्रित अतिथि का संबोधन

गुजरात के पूर्व डीजीपी और यूनिटी ऑफ नेशन्स एक्शन फॉर क्लाइमेट चेंज काउंसिल के निदेशक आईपीएस अनिल प्रथम् ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने बालिकाओं की शिक्षा और सशक्तिकरण के लिए अनेक नवाचार किए, जिनका प्रभाव आज पूरे देश में देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत आज वैश्विक स्तर पर “महिला नेतृत्व वाले विकास” का उदाहरण बन रहा है, और इस दिशा में सरकार व सामाजिक संस्थाएँ मिलकर कार्य कर रही हैं। सम्मेलन में कई देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और “मानव-केंद्रित विकास मॉडल” पर अपने अनुभव साझा किए। पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा, रोजगार और सामाजिक समावेशन जैसे विषयों पर चर्चा करते हुए विशेषज्ञों ने यह निष्कर्ष निकाला कि जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के लिए केवल तकनीकी समाधान पर्याप्त नहीं, बल्कि मानवीय दृष्टिकोण अपनाना भी अनिवार्य है।

कार्यक्रम के अंत में आयोजकों ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन किया और यह संकल्प लिया कि इस तरह की चर्चाओं और साझेदारियों के माध्यम से “समावेशी और सतत भविष्य” की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे। यह आयोजन इस बात का प्रमाण था कि जब सरकार, संस्थाएँ और समाज एक साथ किसी उद्देश्य के लिए कार्य करते हैं, तो परिवर्तन न केवल संभव है बल्कि टिकाऊ भी बन सकता है।

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