गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस पर पर्यावरण जागरूकता बढ़ाने का आयोजन

नेशनल एक्सप्रेस डिजिटल डेस्क
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गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग के विद्यार्थियों द्वारा 2 दिसंबर, राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस के अवसर पर एक औपचारिक एवं ज्ञानवर्धक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

नेशनल एक्सप्रेस, मुरादाबाद। गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग के विद्यार्थियों द्वारा 2 दिसंबर, राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस के अवसर पर एक औपचारिक एवं ज्ञानवर्धक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस विशिष्ट कार्यक्रम में रसायन विज्ञान और वनस्पति विभाग के विद्यार्थी एवं उनके प्राध्यापकों को भी सादर आमंत्रित किया गया था, जिससे पूरे विश्वविद्यालय में पर्यावरण संरक्षण के प्रति एकजुटता और जागरूकता महसूस की गई।

कार्यक्रम का शुभारंभ पर्यावरण विज्ञान विभाग के छात्र अरमान खान के उद्बोधन से हुआ, जिसमें उन्होंने बताया कि 2 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के महत्व को समझना और विशेष रूप से भोपाल गैस त्रासदी जैसी विनाशकारी मानव निर्मित आपदाओं से सीख लेना है। अरमान ने इस त्रासदी को मानव लापरवाही का बडा उदाहरण बताते हुए कहा कि किसी भी प्रकार की अनदेखी भविष्य में बड़े आर्थिक और मानवीय नुकसान का कारण बन सकती है।

उनका यह भाव सभी उपस्थित छात्रों व शिक्षकों के दिल को छू गया।उद्बोधन के बाद प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरण संरक्षण के लिए जिन व्यावहारिक जीवनशैली परिवर्तनों को अपनाया जा सकता है, उन पर विस्तार से चर्चा की गई। इसमें जल संरक्षण, प्लास्टिक उपयोग में कमी, प्रदूषण मुक्त परिवहन के तरीके, ऊर्जा की बचत तथा स्थानीय स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के प्रचलित उपायों को प्रमुखता दी गई। विद्यार्थियों ने इन सुझावों को गंभीरता से सुना और अपने अनुभव एवं आइडियाज साझा किए, जिससे दी गई जानकारी और भी सार्थक बनी।

कार्यक्रम का दूसरा महत्वपूर्ण चरण विद्यार्थियों द्वारा अपने विचार प्रस्तुत करने का था। रसायन विज्ञान, वनस्पति विज्ञान तथा पर्यावरण विज्ञान विभाग के कई छात्रों ने प्रदूषण नियंत्रण, हरित क्षेत्र संरक्षण और सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने के विभिन्न उपायों पर अपने सुझाव साझा किए। छात्रों के विचारों में नवाचार, वैज्ञानिक दृष्टिकोण तथा सामाजिक जागरूकता की झलक स्पष्ट थी, जो विश्वविद्यालय के अकादमिक माहौल के लिए गर्व का विषय है।इसके उपरांत गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय के अनुभवी प्राध्यापकों ने अपनी महत्वपूर्ण बातों से कार्यक्रम को और भी सार्थक बनाया।

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डॉ. अनामिका त्रिपाठी, जो कि विश्वविद्यालय की Environmental Nodal Officer हैं, ने सतत जीवनशैली अपनाने और पर्यावरणीय उत्तरदायित्व के प्रति जागरूक रहने के महत्व को समझाया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार व्यक्तिगत स्तर पर किए गए छोटे-छोटे प्रयास बड़ी पारिस्थितिकीय समस्याओं के समाधान में योगदान दे सकते हैं।डॉ. वैशाली पूनिया, PG Programme Coordinator, ने पर्यावरण संरक्षण के लिए व्यावहारिक उपायों और अनुसंधान की आवश्यकता पर बल दिया।

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उनके भाषण में पर्यावरणीय संकटों को वैज्ञानिक दृष्टि से समझने और उन पर जागरूकता फैलाने के महत्व को रखा गया। इसके साथ ही डॉ. पी. बी. तिवारी, डॉ. अदिति व डॉ. अदीबा ने भी पर्यावरण संरक्षण के नए दृष्टिकोण, नवीन टेक्नोलॉजी एवं नीति निर्माण में विद्यार्थियों की भूमिका पर गहन और प्रोत्साहक विचार रखे।इस कार्यक्रम को और विशेष बनाने के लिए माननीय कुलपति महोदय ने भी अपने आशीर्वाद एवं प्रेरणा भरे शब्दों से सभी विद्यार्थियों को संबोधित किया।

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कुलपति ने आग्रह किया कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता केवल एक दिन या विशेष कार्यक्रम तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि यह एक सतत प्रयास होना चाहिए। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को टिकाऊ और स्वच्छ भविष्य के लिए अपनी जिम्मेदारी समझते हुए सक्रियता से भाग लेना होगा।कार्यक्रम के अंत में पर्यावरण विज्ञान विभाग की छात्रा वर्षा शर्मा ने कार्यक्रम का संक्षिप्त सार प्रस्तुत किया। वर्षा ने इस दिन के महत्व, विद्यार्थियों एवं प्राध्यापकों के विचारों और प्रदर्शित उत्साह को शब्दों में बयां किया।

उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन विद्यार्थियों को न केवल पर्यावरणीय शिक्षण के साथ जोड़ते हैं, बल्कि उन्हें अपने आस-पास के वातावरण के प्रति संवेदनशील और जागरूक बनाने का भी काम करते हैं। उनका कहना था कि भोपाल गैस त्रासदी जैसे हादसे हमें सिखाते हैं कि पर्यावरण संरक्षण को लेकर केवल ज्ञान ही नहीं, बल्कि सतत प्रयासों और सावधानियों की भी जरूरत है।इस प्रकार गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस के मौके पर आयोजित यह कार्यक्रम पर्यावरण संरक्षण के विषय में विद्यार्थियों तथा प्राध्यापकों में जागरूकता फैलाने और पर्यावरण सुरक्षा के प्रति सभी को प्रतिबद्ध बनाने का सफल प्रयास रहा।

 विद्यार्थियों ने अपने विचारों से साबित किया कि वे न केवल अपने अकादमिक क्षेत्र में दक्ष हैं, बल्कि पर्यावरण संकट के समाधान में भी एक सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं। इस तरह के आयोजन भविष्य में भी पर्यावरण चेतना को बढ़ावा देने और सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति युवाओं को प्रोत्साहित करने में अहम योगदान देंगे।

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