हवन यज्ञ व प्रसाद वितरण कर धूमधाम से मनाई महर्षि बाल्मीकि जी की जयंती

जनपद के नगर टूंडला में महर्षि बाल्मीकि जयंती काली माता मंदिर के पीछे स्टेशन रोड महर्षि आश्रम पर धूमधाम के साथ मनाई गई।
नेशनल एक्सप्रेस ब्यूरो, विपिन कुमार (फिरोजाबाद)। जनपद के नगर टूंडला में महर्षि बाल्मीकि जयंती काली माता मंदिर के पीछे स्टेशन रोड महर्षि आश्रम पर धूमधाम के साथ मनाई गई। इस दौरान बाल्मिकी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलित कर हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बाल्मीकि समाज के लोग शामिल रहे। महर्षि बाल्मीकि कमेटी के अध्यक्ष लौहरन सिंह की अध्यक्षता में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस दौरान कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि का जन्म ऋषि कश्यप और माता अदिति की नौवी संतान वरुण और उनकी पत्नी चर्षणी के यहां हुआ था। इनके बड़े भाई ऋषि भृंगु थे। कई वर्षों तक भगवान श्रीराम की साधना करते समय इनके शरीर पर दीमक लग जाने के कारण इनका नाम बाल्मीकि पड़ा।
पूर्व शोभायात्रा के महामंत्री व अखिल भारतीय सफाई मजदूर संघ के जिला कोर्डिनेटर संजीव उर्फ सोनू बाल्मीकि ने कहा कि लंका पर विजय प्राप्ति करने के बाद जब भगवान राम, लक्ष्मण और सीता वापस 14 वर्षों का वनवास पूरा करके आए तो भगवान राम ने माता सीता का परित्याग वार दिया था। इसके बाद माता सीता कई वर्षों तक महर्षि बाल्मीकि के आश्रम में रहीं।
इस आश्रम में माता सीता ने लव और कुश को जन्म दिया था। जहांपर लव-कुश की शिक्राः दीक्षा महर्षि वाल्मीकी के द्वारा दी गई थी। कार्यक्रम का संचालन सुजीत भारती ने किया। इस मौके पर महामन्त्री देश दीपक, ज्याला प्रसाद, विक्की, राज, रवि बाल्मीकि, बल्ले बाल्मीकि, मुकेश बोहरे, सुजीत भारती, सजीव मेवाती बॉबी बाल्मीकि विक्रम बाल्मीकि, दयाशंकर पाती, सुधीर कुमार, सुभाष सिंह के अलावा सैकड़ो बाल्मीकि समाज के लोग मौजूद रहे।