रामलीला नवीन प्रसंग, आकर्षक दृश्यों एवं सुमधुर संगीत सहित मनमोहक मंचन

मंगलवार को श्री राम कथा मंचन समिति लाजपत नगर मुरादाबाद के तत्वावधान में लाजपत नगर राम लीला मैदान के भव्य रंग मंच पर स्वामी नंदकिशोर शर्मा के कुशल निर्देशन में श्री ब्रजधाम रामकृष्ण लीला संस्थान वृंदावन के कलाकारों द्वारा नवीन प्रसंग, आकर्षक दृश्यों एवं सुमधुर संगीत सहित मनमोहक मंचन किया गया।
मुरादाबाद। आज की लीला में रावण का दरबार लगा है। वह अपने मंत्रियों के साथ किस प्रकार युद्ध जीता जाए विचार कर रहा है। तभी एक मंत्री रावण को सलाह देता है। की क्यों ना अपने बलशाली भाई कुंभक रण को जगा कर राम लक्ष्मण से युद्ध करने के लिए युद्ध के मैदान में भेजा जाए लंका पति रावण को यह बात प्रिय लगती है। और वह कुंभकरण को जगाने का आदेश देते हैं।
सेना की एक टुकड़ी कुंभकरण को जगाने के लिए उसके महल में पहुंचती है। और विभिन्न विभिन्न उपाय कर जगाने का प्रयास करती है। पर कुंभकरण निद्रा नहीं टूटती है। तब रावण कहता है। विभिन्न विभिन्न प्रकार की मदिरा, मांस और खुशबूदार व्यंजनों को बनाया जाए और इसके सामने रखा जाए जिससे उसकी खुशबू से यह जाग जाएगा रावण का आदेश पाते ही सभी लोग विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाने में लग जाते हैं। और कुंभकरण के सामने रख देते हैं। उसकी खुशबू से वह जाग जाता है और उनका सेवन करने लगता है। कुंभकरण रावण को देख उनको प्रणाम करता है और पूछता है कि मुझे क्यों जगाया गया है। तब रावण बताता है। की यह कहानी घटित हुई है।
कुंभकरण रावण को सलाह देता है कि वह प्रभु श्री राम से युद्ध ना करें वह स्वयं विष्णु के अवतार हैं। माता सीता को वापस कर दें। पर रावण की जिद के आगे कुंभकरण युद्ध के लिए जाता है। युद्ध के मैदान में कुंभकरण के पहुंचते ही वानर सेवा में भगदड़ में जाती है। वह बंदरों को जिंदा पकड़ पकड़ कर खाने लगता है तब लक्ष्मण उसके सामने आते हैं। पर अधिक देर तक टिक नहीं पाते हैं। फिर स्वयं राम युद्ध करने आते हैं। और वह अपनी सुदर्शन शक्ति से उसका वध कर देते हैं। गुप्तचर रावण को युद्ध के मैदान हाल बताते हैं। कुंभ करण वध का समाचार मिलने पर वह अपने भाई के वियोग में डूब जाता है तभी मेघनाथ का आगमन होता है। और वह युद्ध के मैदान में जाने की आज्ञा मांगता है।
पर युद्ध के मैदान में जाने से पहले वह अपनी कुलदेवी का यज्ञ कर अपराजित रथ प्राप्त करना चाहता है यह बात राम लक्ष्मण को ज्ञात होती है। तो विभीषण के साथ लक्ष्मण हनुमान अंगद और सेना लंका में प्रवेश कर यज्ञ को भंग कर मेघनाथ का वध कर देते हैं। रामलीला की व्यवस्था में समिति के अध्यक्ष महेश चंद्र अग्रवाल महामंत्री विनोद बाबू सक्सेना, मंत्री श्याम कृष्ण रस्तोगी, मुख्य संयोजक राजीव राघव, कोषाध्यक्ष मुकुल बंसल, शरद अग्रवाल, राजीव अग्रवाल, शम्मी रस्तोगी, विवेक शर्मा, रामकुमार गुप्ता, शिव सरन अग्रवाल,राजेंद्र अग्रवाल, मनोज व्यास,विपिन जेटली, राजेश त्रिपाठी, असीम अग्रवाल,काव्य सौरभ जेमिनी आदि उपस्थित रहे।