सनसनीखेज खुलासा: जमुई के मगही गांव में 'मौत की दुकानें' बनीं अवैध मेडिकल स्टोर

जिले के मोहनपुर थाना क्षेत्र के मगही गांव में अवैध रूप से चल रही दवा की दुकानों ने प्रशासन के ढुलमुल रवैये की पोल खोल दी है।
नेशनल एक्सप्रेस ब्यूरो, जमुई कार्यालय। जिले के मोहनपुर थाना क्षेत्र के मगही गांव में अवैध रूप से चल रही दवा की दुकानों ने प्रशासन के ढुलमुल रवैये की पोल खोल दी है। यहां झोला छाप डॉक्टरों के पर्चे पर धड़ल्ले से दवाइयां बेची जा रही हैं,जिसकी वजह से कई मरीजों की मौत हो चुकी है।यह चौंकाने वाला मामला तब और गंभीर हो जाता है,जब शिकायत के बावजूद ड्रग इंस्पेक्टर द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने की बात सामने आती है।
मौत का सिलसिला, प्रशासन बेखबर
ग्रामीणों और स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं के अनुसार,मगही गांव में कई मेडिकल स्टोर बिना किसी वैध लाइसेंस के संचालित हो रहे हैं।इन दुकानों पर प्रशिक्षित फार्मासिस्ट के बजाय अप्रशिक्षित लोग बैठते हैं,जो 'झोला छाप' या अयोग्य चिकित्सकों के लिखे पर्चे पर खतरनाक तरीके से दवाओं की बिक्री करते हैं।बताया जाता है कि गलत दवा या डोज के कारण पिछले कुछ समय में कई लोगों की जान जा चुकी है।
शिकायतों पर अधिकारियों का टालमटोल
इस गंभीर विषय को लेकर स्थानीय लोगों ने पहले ड्रग इंस्पेक्टर को लिखित रूप से सूचना दी,लेकिन उनकी शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया गया और अवैध कारोबार पहले की तरह चलता रहा।जब स्वास्थ्य विभाग के इस रवैये से लोग हताश हो गए,तो उन्होंने सीधे जिलाधिकारी को आवेदन देकर पूरी स्थिति से अवगत कराया।सूत्रों के अनुसार,जिलाधिकारी ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल ड्रग इंस्पेक्टर को जांच और आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया।इसके बावजूद,हैरानी की बात यह है कि डीएम के सीधे आदेश के बाद भी ड्रग इंस्पेक्टर ने मौके पर जाकर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की,और अवैध दवा दुकानें बदस्तूर जारी हैं।
स्वास्थ्य विभाग पर बड़ा सवाल
यह पूरा घटनाक्रम स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। जिलाधिकारी के आदेश की अवहेलना करना विभागीय उदासीनता को दर्शाता है, वहीं दूसरी ओर,अवैध दवा बिक्री और झोला छाप डॉक्टरों के गठजोड़ से आम लोगों का जीवन खतरे में है।
सवाल यह है कि:
आखिर ड्रग इंस्पेक्टर किस दबाव में कार्रवाई से पीछे हट रहे हैं?
क्या इन अवैध दुकानों को किसी उच्च स्तर पर संरक्षण प्राप्त है?
लगातार हो रही मौतों के बावजूद स्वास्थ्य विभाग का यह निष्क्रिय रवैया कब तक जारी रहेगा?
स्थानीय जनता ने जिला प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है,ताकि लोगों के जीवन से खिलवाड़ करने वाले इन 'मौत के सौदागरों' पर कड़ी कार्रवाई हो सके और मगही गांव के लोगों को सुरक्षित स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।इस पूरे मामले में हमारी टीम जिलाधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों से संपर्क कर उनके अगले कदम को जानने का प्रयास करेगी।