सफाई कर्मी सम्मान के अधिकारी हैं, उपेक्षा के नहीं -- राज्य महिला आयोग सदस्य
दीपावली का पर्व जहाँ स्वच्छता, प्रकाश और सद्भाव का प्रतीक है, वहीं यह हमें सामाजिक संवेदनशीलता और मानवीय सम्मान का संदेश भी देता है।
नेशनल एक्सप्रेस, फिरोजाबाद। दीपावली का पर्व जहाँ स्वच्छता, प्रकाश और सद्भाव का प्रतीक है, वहीं यह हमें सामाजिक संवेदनशीलता और मानवीय सम्मान का संदेश भी देता है।ऐसे पावन अवसरों पर हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हमारे नगर की स्वच्छता व्यवस्था उन सफाई कर्मियों की मेहनत और निष्ठा पर टिकी है, जो त्योहारी दिनों में भी अपना कर्तव्य निभाते हैं।
राज्य महिला आयोग की सदस्य ने नागरिकों से अपील की कि यदि किसी कारणवश दीपावली जैसे त्योहारी अवसरों पर सफाई कर्मी एक-दो दिन कार्य पर उपस्थित न हो पाएं, तो हमें अपने-अपने घरों के द्वार पर स्वच्छता बनाए रखने का उत्तरदायित्व स्वयं निभाना चाहिए। उन्होंने कहा कि “सफाई कर्मी भी हमारे समाज का सम्माननीय अंग हैं।
जब वे अपने त्योहारी उपहार या शुभकामनाएँ लेने आएँ, तो उन्हें अपमानित करने या ताने देने के बजाय आदरपूर्वक मिठाई अथवा शुभकामना दें। उन्होंने कहा कि सच्ची दीपावली वही है, जब हम अपने आचरण से दूसरों के जीवन में भी प्रकाश और सम्मान की ज्योति जलाएँ। समाज की स्वच्छता केवल सड़कों की नहीं, बल्कि हमारे विचारों की भी होनी चाहिए

