सुपौल में बाढ़ का विकराल रूप, कोसी नदी के रौद्र ने मचाई तबाही, 700 घरों में घुसा पानी, लोग नाव से निकलने को मजबूर

बिहार के शोक' के नाम से जानी जाने वाली कोसी नदी ने एक बार फिर सुपौल जिले में रौद्र रूप धारण कर लिया है,जिसके कारण व्यापक तबाही शुरू हो गई है।
नेशनल एक्सप्रेस ब्यूरो, बिहार/पटना। 'बिहार के शोक' के नाम से जानी जाने वाली कोसी नदी ने एक बार फिर सुपौल जिले में रौद्र रूप धारण कर लिया है,जिसके कारण व्यापक तबाही शुरू हो गई है।नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही लगातार मूसलाधार बारिश और कोसी बराज से पानी छोड़े जाने के बाद नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है,जिससे जिले के तटवर्ती और निचले इलाकों में भयावह स्थिति उत्पन्न हो गई है।
ताजा जानकारी के अनुसार, कोसी नदी के उफान से सुपौल के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। अकेले प्रभावित क्षेत्रों में 700 से अधिक घरों में पानी भर गया है,जिससे हजारों लोग बेघर हो गए हैं।लोगों के घरों का सामान,अनाज और लाखों रुपये की संपत्ति बाढ़ के पानी में डूब गई है या बह गई है।
कई स्थानों पर नदी के तेज कटाव के कारण घर नदी की धारा में समा गए हैं।बाढ़ की विकराल स्थिति को देखते हुए प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोग दहशत में हैं और जान-माल की सुरक्षा के लिए ऊंचे एवं सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने को मजबूर हैं।पानी भरने के कारण गांव पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं, जिससे लोगों को निकालने के लिए नावों का सहारा लेना पड़ रहा है।
लोग अपने परिवार और थोड़े-बहुत सामान के साथ नावों से बाहर निकल रहे हैं।जिला प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए हाई अलर्ट जारी कर दिया है। कोसी के जलस्तर में रिकॉर्ड वृद्धि की आशंका के बीच, कोसी बराज के गेट खोल दिए गए हैं और तटबंधों की निगरानी बढ़ा दी गई है।
आपदा प्रबंधन टीमों को अलर्ट पर रखा गया है और प्रभावितों के लिए राहत एवं बचाव कार्य शुरू किए गए हैं।हालांकि,प्रभावित ग्रामीणों का आरोप है कि उन्हें प्रशासन की ओर से पर्याप्त मदद नहीं मिल पा रही है।विशेषज्ञों के अनुसार, यह संकट मुख्य रूप से नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में पिछले कई दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण पैदा हुआ है,
जिससे कोसी नदी में पानी का डिस्चार्ज अचानक खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।नदी का बहाव इतना तेज है कि कई जगहों पर तटबंधों पर दबाव बढ़ गया है और कटाव ने रफ्तार पकड़ ली है।
प्रशासन ने नदी किनारे रहने वाले सभी लोगों से अपील की है कि वे तुरंत सुरक्षित ठिकानों पर चले जाएं और किसी भी आपात स्थिति में स्थानीय अधिकारियों से संपर्क करें।अगले 24 घंटों में जलस्तर पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।