नगर निगम बोर्ड की 15वीं बैठक से पहले हंगामा: पार्षदों ने की नारेबाजी, भतीजे पर दर्ज मुकदमा वापस लेने की उठाई मांग

नेशनल एक्सप्रेस डिजिटल डेस्क
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नगर निगम सभागार में आयोजित गोरखपुर नगर निगम बोर्ड की 15वीं बैठक हंगामे के माहौल में शुरू हुई।

नेशनल एक्सप्रेस, गोरखपुर (अशोक लोहिया)। नगर निगम सभागार में आयोजित गोरखपुर नगर निगम बोर्ड की 15वीं बैठक हंगामे के माहौल में शुरू हुई। बैठक प्रारंभ होने से पूर्व ही पार्षदों का गुस्सा फूट पड़ा। विवाद उस समय खड़ा हो गया जब पार्षद छोटे लाल के भतीजे पर दर्ज मुकदमे को लेकर कई पार्षद एकजुट होकर मुकदमा वापस लेने की मांग करने लगे। इस दौरान सभागार में गहमागहमी का माहौल बन गया और कुछ देर तक बैठक की शुरुआत टल गई।

जानकारी के अनुसार, कुछ दिन पूर्व नगर निगम के सफाई कर्मचारियों के साथ मारपीट की घटना हुई थी। इस मामले में पार्षद छोटे लाल के भतीजे के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। घटना के बाद सफाई कर्मचारी उग्र हो गए थे और उन्होंने पार्षद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। हालांकि, बाद में स्थिति सामान्य हो गई और मामले को शांत कराने के लिए पार्षद को राहत दी गई, लेकिन उनके भतीजे पर दर्ज मुकदमा हटाया नहीं गया था। इसी को लेकर पार्षदों में रोष व्याप्त था।

बैठक से पहले ही पार्षद सभागार में एकत्र होकर महापौर से मुकदमा वापस लेने की मांग करने लगे। जब महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव और नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल सभागार पहुंचे, तो पार्षदों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। माहौल इतना गर्म हो गया कि कुछ समय तक बैठक शुरू नहीं हो सकी।

पार्षदों का कहना था कि उनके साथ प्रशासनिक भेदभाव किया जा रहा है और नगर निगम कर्मचारियों के पक्ष में पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है। कुछ पार्षदों ने तो यह तक कहा कि “पहले मारो फिर एकता दिखाओ” की प्रवृत्ति निगम में बढ़ती जा रही है — पहले हंगामा, फिर एकजुटता दिखाकर काम निकलवाने की परंपरा बनती जा रही है।

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लगातार विरोध और नारेबाजी के बीच महापौर और नगर आयुक्त ने पार्षदों से शांति की अपील की। उन्होंने कहा कि मुकदमे की जांच कानूनी प्रक्रिया के तहत होगी और कोई भी निर्णय नियमों के अनुसार लिया जाएगा। काफी समझाने-बुझाने और बातचीत के बाद पार्षद शांत हुए और बोर्ड बैठक शुरू की गई।

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बैठक में नगर निगम के विभिन्न विकास कार्यों, बजट प्रस्तावों और सफाई व्यवस्था पर चर्चा की गई। हालांकि पार्षदों ने चेतावनी दी कि अगर भतीजे पर दर्ज मुकदमा वापस नहीं लिया गया तो वे आगामी बैठकों का बहिष्कार करेंगे।

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अंत में महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव ने सभी से संयम बरतने की अपील करते हुए कहा कि जनप्रतिनिधियों का मुख्य उद्देश्य जनता की सेवा है, इसलिए किसी भी व्यक्तिगत विवाद को निगम के कार्य से ऊपर नहीं रखा जाना चाहिए।

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